TNPDESK-जैसे-जैसे सीएम नीतीश कुमार का पांचवी बार पलटी मारने की खबरें हकीकत में तब्दील होती नजर आने लगी है, वैसे-वैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी से लेकर छोटे भाई उपेन्द्र कुशवाहा की नींद उड़ती नजर आ रही है, सियासत की दुनिया में पलटू राम के रुप में प्रतिष्ठापित बिहार की राजनीति में चाणक्य के रुप में प्रतिष्ठापित नीतीश के एक पैतरे ने इन सबों की बेचैनी बढ़ा दी है. इनके सामने यह सवाल उमड़ने लगा है कि जिस नीतीश के कोप से बचने के लिए कमल की सवारी करने का फैसला किया था, अब नीतीश तो उसी कमल पर सवार होकर पूरे शान शौकत के साथ उनकी खटिया डूबाने आ रहे हैं, खास कर पूर्व सीएम जीतन राम की स्थिति तो और भी रोचक है, कभी पूर्णिया के मंच से जीतन राम मांझी को सावधान करते हुए सीएम नीतीश ने कहा था आप इधर उधर मत देखिये, आपको तोड़ने की साजिश रची जा रही है, लेकिन वहां आपको कुछ भी मिलने वाला नहीं है, महागठबंधन के साथ रहेंगे तो आपका ख्याल रखा जायेगा, खुद जीतन राम मांझी भी इस बात का दावा कर रहे थें कि मरते दम तक आपके साथ ही रहेंगे, लेकिन ना तो जीतन राम मांझी ने अपना वचन निभाया और ना ही नीतीश कुमार अपने संकल्प पर मजबूती के साथ आगे बढ़ें. कभी राम के अस्तित्व पर सवाल उठा कर तो कभी पूजा पाठ को ब्राह्मणों का भ्रम जाल बता कर भाजपा की आंखों में दिन रात चुफन पैदा करने वाले जीतन राम मांझी ने यह कहते हुए नीतीश को अलविदा कर दिया कि जदयू तो उनकी पूरी पार्टी को ही निगलने की तैयारी में जुटी हुई है, हम पर पार्टी को जदयू में विलय का दवाब बनाया जा रहा है.
अजीब है यह सियासत की दुनिया, यहां दरवाजे कभी बंद नहीं होते
लेकिन सियासत की दुनिया में दरवाजे कभी किसी के लिए बंद नहीं होते, कुछ यही नीतीश कुमार के साथ भी हुआ, ऑपरेशन चिराग के जिस टीस के साथ वह भाजपा को अलविदा कर लालटेन के साथ खड़े हुए थें, और जिस आक्रमक और तेजी के सात इंडिया गठबंधन के उलझे घागे को सुलझाने चले थे, जिस इंडिया गठबंधन को सामने रख वह इस बात की घोषणा कर रहे थें कि जो 2014 में आया है, 2024 में उसकी वापसी नहीं होने वाली है, अब सीएम फेस से नकार के बाद अब उन्हे वही इंडिया गठबंधन सियासी कबाड़ नजर आने लगा है. अचानक से इस चाणक्य के अंतरआत्मा ने एलान कर दिया कि अब यहां कुछ भी रखा नहीं है, जब संयोजक पद पर ही इतनी मारा मारी है, ममता बनर्जी से लेकर अरविन्द केजरीवाल का इंकार है, तो पीएम बनना तो एक दुखद ख्वाब है.
हर चौराहे पर एक ही सवाल, आखिरी पलटी या अभी और भी देखने को मिलेगा धमाल
और आज सब कुछ सामने है, बिहार में क्या होने वाला है, यह सवाल पूरे देश को परेशान कर रखा है, पूरे देश में आग लगी हुई है, हर चौक-चौराहे पर एक ही सवाल भी उछाला जा रहा है कि यह पांचवी पलटी ही अंतिम पलटी है, या बिहार की सियासत में हमारे पलटूराम अभी भी धमाल करेंगे.
अमित शाह के मिलने पहुंचे चिराग पासवान
लेकिन इस बीच खबर यह आयी है कि आज सुबह सुबह चिराग पासवान अमित शाह के मिलने पहुंचे हैं. साफ है कि उनके मन में सीएम नीतीश के पाला बदल की खबरों से कोहराम मचा होगा, और इसका उनके सियासी जीवन पर क्या दुष्प्रभाव पड़ सकता है, इसकी बेचैनी उन्हे परेशान कर रही होगी. सवाल यह भी होगा कि यदि नीतीश वास्तव में पलटी मार जाते हैं तो इस गठबंधन के अंदर उन्हे कितनी सीटें मिलेगी, और यदि मनमाफिक सीटें मिल भी गयी तो क्या सीएम नीतीश उस ऑपरेशन चिराग को भूल चूंके होंगे, क्या लोकसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ ऑपरेशन तीर की पटकथा तो नहीं लिखी जायेगी. नीतीश के साथ आते ही उनके साथ भाजपा के रवैये में कोई बदलाव तो नहीं आयेगा, और यदि आयेगा तो अब उसकी काट क्या है, और क्या चिराग पासवान को सीएम नीतीश के पाला बदल की भनक पहले ही लग चुकी थी, और यही कारण है कि वह आधी रात को जब पूरी दिल्ली नींद के आगोश में थी, राजद कोटे से राज्यसभा सांसद मनोज झा के मिलने पहुंचे थें, ताकि इसकी समानान्तर सियासी काट को ढूंढ़ा जा सके. कुल मिलाकर बिहार की राजनीति में आग लगी हुई है, सियासतदानों में बेचैनियां पसरी हुई है, और यदि नीतीश कुमार पांचवी पलटी मार जाते हैं, जिसके आसार अब साफ दिखलायी पड़ने लगे हैं, तो उसके बाद भी अभी कई उलटफेर देखने को मिल सकता है.
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