टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-डीआरडीओ (DRDO) ने बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे ओडिशा के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल टेस्ट किया . यह एक नई पीढ़ि की मिसाइल है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है. मिसाइल के सफल टेस्ट के बाद डीआरडीओ ने जानकारी दी है कि टेस्ट के दौरान किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आई, मिसाइल ने सभी उद्देश्यों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. इससे पहले अग्नि प्राइम का तीन बार सफल टेस्ट हुआ है. पहली बार यूजर (स्ट्रेटेजिक कमांड फोर्स) की और से रात में इस मिसाइल को टेस्ट किया गया. दरअसल, स्ट्रेटेजिक कमांड फोर्स भारतीय सेना का हिस्सा है. भारत के परमाणु हथियारों का कंट्रोल स्ट्रेटेजिक कमांड फोर्स के पास है. अग्नि प्राइम परमाणु हमला कर सकता है. इसलिए इसका कंट्रोल भी स्ट्रेटेजिक कमांड फोर्स के हाथ में है.
टेस्ट के दौरान मिसाइल की सटीकता, रेंज, स्पीड और अन्य खासियत की जांच की गई है. मिसाइल के पूरे फ्लाइट पर नजर रखने के लिए दो डाउनरेंज जहाजों, रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे इंस्ट्रूमेंटेशन तैनात किए गए थे.
अग्नि प्राइम मिसाइल की खासियत
अग्नि प्राइम मिसाइल का इस्तेमाल परमाणु हमला के साथ ही, गैर परमाणु हमला करने में भी हो सकता है. इसकी रेंज 1000-2000 किलोमीटर है. इसकी जद में पाकिस्तान के सभी महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानें आज जाते हैं . अग्नि प्राइम अग्नि सीरीज की दूसरी मिसाइलों से हल्का और छोटा है. इसका वजन 11 टन है, जो अग्नि तीन की तुलना में आधा है.
कही भी ले जाया जा सकता है अग्नि प्राइम
अग्नि प्राइम में नया कम्पोजिट प्रोपल्शन सिस्टम लगा है. इसमें नई पीढ़ी के गाइडेंस और कंट्रोल मैकेनिज्म लगाए गए हैं. इससे इसकी सटीकता अच्छी हुई है. अग्नि प्राइम को कैनिस्टर में रखने का इंतजाम किया गया है . इसके चलते कही भी तेजी से मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है और फायर करना संभव है. इसे रेल या रोड से भी लॉन्च किया जा सकता है. ट्रक पर लोड होने की क्षमता से इस मिसाइल को तेजी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.
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