रांची(RANCHI): बालिका गृह से अब चीख उठ रही है. आखिर गृह में तो सुरक्षित रहने के लिए बच्चियों को रखा जाता है. लेकिन पलामू के बालिका गृह में ही बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और संचालक के साथ एक महिला कर्मी को गिरफ्तार कर जांच को आगे बढ़ा रही है. इस वारदात की कहानी जिसने भी सुनी उसका दिल दहल उठा आखिर नाबालिग बच्चियों के साथ इस तरह घिनौना काम कैसे किया जा सकता है.
दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब मानव अधिकार की टीम निरीक्षण में सुदना स्तिथ बालिका गृह में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान हि दो बच्चियों ने निरक्षण कर रहे लोगों को अपनी आपबीती सुनाई. रो कर कहाँ बच्चियों ने बताया कि यहाँ मौजूद अंकल और एक आंटी उनकी गलत तस्वीर ली है. साथ ही बोलते है कि यहाँ के अधिकारियों को खुश करो तो बाहर जाने का रास्ता बताएंगे. इसके बाद कई लोगों को मासूम बच्चियों की तस्वीर भी भेजी गई है. अब पूरे मामले की जांच शुरू हुई है तो सभी की आँख फटी की फटी रह गई है.
इस मामले में संचालक और एक महिला को पुलिस ने हिरासत मे लेकर जांच शुरू की है. इस मामले में दोनों के मोबाईल फोन को भी जब्त किया गया है. अब जब्त मोबाईल की जांच की जाएगी. जिसके बाद कई खुलासे होने की संभावना है. आखिर लड़कियों के यौन शोषण में कौन कौन चेहरे शामिल है. आखिर पर्दे के पीछे कितने सफेदपोश शामिल है जो इस गंदी हरकत को अंजाम देने में शामिल रहते थे.
सामाजिक कार्यकर्ता संध्या रानी ने बालिका गृह का निरीक्षण किया था. इस दौरान ही बच्चियों ने यौन शोषण की बात उन्हे बताई थी. दो बच्ची उनके पास पहुंची और लिपट कर रोने लगी. जिसके बाद उन्होंने दोनों को संभालते हुए पूछा की क्या बात है तब रोते हुए ही पूरी कहानी को बताया. बच्ची ने बताया है कि छठ और दीपावली के समय घर पर बुला कर संचालक ने गलत किया है. साथ ही एक बच्ची ने बताया है कि उसके साथ कोशिश की गई.
अब इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता के शिकायत पर केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू किया. महिला पुलिसकर्मी बालिका गृह पहुँच कर बच्चियों का बयान दर्ज किया. जिसके बाद संचालक और एक महिला कर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है. एसपी रिश्मा रमेशन ने बताया है कि बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया है.जांच के बाद पॉस्को ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बालिका गृह में रह रही 28 बच्चियों को दूसरे सुरक्षित स्थान में शिफ्ट कर दिया गया है.
इस मामले में भाजपा ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा किया है. प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि जब बेटियाँ बालिका गृह में सुरक्षित नहीं है तो फिर कहाँ खुद को महफूज महसूस करेंगी. उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृह से इसकी तुलना कर दी है. साथ ही पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के न्यायधीश की निगरानी में कराने की मांग की है. अजय शाह का मानना है कि इस काले कारनामे में कई लोग शामिल है. जिससे पुलिस सही जांच नहीं कर सकती है. पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.
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