मुजफ्फरपुर(MUJAFFARPUR): बिहार में गरीबी का दंश झेल रहे मां बाप अपने फूल से बच्चे को तस्करों के हवाले कर देते है. बच्चे के एवज में अग्रिम राशी तस्कर के द्वारा मां बाप को दी जाती है. इसके बाद उस बच्चे को भी मालूम नहीं होता की उसकी ज़िंदगी नर्क से भी बदतर होने वाली है. मां बाप कहने पर तस्कर के साथ आराम में चले जाते है. लेकिन बाल मजदूरी रोकने के लिए. बिहार पुलिस महकमा अलर्ट पर है. सभी रेलवे स्टेशन और बस अड्डा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. जिसका फायदा भी मिल रहा है. इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर रेलवे पुलिस ने 25 बाल मजदूर को मुक्त कराया है साथ ही पाँच तस्करों को हिरासत में लिया है.
बता दे कि बाल मजदूरी करवाने सभी बच्चों को बंगलोर लेजाया जा रहा था. इस गिरोह में 5 बाल तस्कर शामिल थे. सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुज़फ़्फ़रपुर जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस को सफलता मिली है. सभी बच्चें सीतामढ़ी ,मोतिहारी और मुज़फ़्फ़रपुर के रहनेवाले हैं.
मनीष कुमार आरपीएफ प्रभारी ने बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन से जीआरपी और आरपीएफ ने छापेमारी कर पांच बाल तस्करों को गिरफ्तार किया है. इन तस्करों के कब्जे से 25 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है. बच्चों को टाइल्स फैक्ट्री में काम दिलाने के नाम पर कर्नाटक के बंगलोर ले जाया जा रहा था. इस साल 2024 में 44 बाल तस्कर गिरफ्तार किये गए हैं और 160 बच्चों को इस साल रेस्क्यू किया गया है.
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