रांची (RANCHI): फर्जी डाक्टरों के द्वार पर पहुंची सीबीआई, देश के 14 राज्यों के 91 स्थानों पर सीबीआई की एक साथ रेड. बता दें भारत में विदेशों से मेडिकल की डिग्री प्राप्त कर और फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर गिरी है सीबीआई की गाज. विदेश से मेडिकल में स्नातक के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर राज्यों के मेडिकल काउंसिल से मेडिकल प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के मामले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने झारखंड सहित 14 राज्यों के 91 ठिकानों पर गुरुवार को एक साथ छापेमारी की. जिसमें कई लोग फर्जी मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले धराये हैं इनमें बोकारो के भी एक डॉक्टर का नाम शामिल हैं.
बोकारो में हुई छापेमारी
फर्जी डॉक्टर के मामले में जांच कर रही सीबीआई के द्वारा झारखंड में यह छापेमारी बोकारो में हुई है. बोकारो में चास शिवशक्ति कालोनी के रहनेवाले विनोद कुमार के बेटे मुकेश कुमार के ठिकाने पर पहुंची सीबीआई की टीम ने छानबीन में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. वहीं मुकेश कुमार ने 2015 में रूस से एमबीबीएस करने का दावा किया है. इधर सीबीआई सूत्रों के अनुसार फाइनल परीक्षा में उन्हें असफल घोषित किया गया था. उन्होंने मेडिकल प्रैक्टिस के लिए बिहार मेडिकल काउंसिल से 27 अक्टूबर 2015 को रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसे राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) ने पकड़ा और फिर दर्ज प्राथमिकी में आरोपित बनाया गया है.
CBI ने 21 दिसंबर को दर्ज की थी प्राथमिकी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र लिखकर सीबीआई को ये जानकारी दी थी कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न अस्पतालों में प्रैक्टिस करने वाले ये कथित चिकित्सक आम जनता के हित में नहीं हैं, इनके विरुद्ध कार्रवाई करें. भारत सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई की दिल्ली स्थित एंटी क्राइम-1 थाने में 21 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज हुई थी. सीबीआई को लिखे पत्र में मंत्रालय ने अपनी शिकायत में बताया था कि विदेश से मेडिकल स्नातक को भारत में स्क्रीनिंग जांच पास करने के बाद ही नेशनल मेडिकल कमीशन या स्टेट मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन संभव है. यह स्क्रीनिंग जांच परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) के माध्यम से होता है, जो प्रमाण पत्रों की जांच से लेकर परीक्षा तक लेती है. एनबीई ने ही गत 12 सितंबर व 17 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुशंसा की थी कि 73 ऐसे विदेशी मेडिकल स्नातक हैं, जो भारत में स्क्रीनिंग टेस्ट पास नहीं किए और उनका विभिन्न राज्यों में प्रैक्टिस के लिए पंजीयन भी हो गया. इसके बाद ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस रैकेट का खुलासा करने के लिए सीबीआई से पत्राचार किया, जिसके बाद सीबीआई ने नियमित केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू की है और अब इसी सिलसिले में सभी 91 ठिकानों पर छापेमारी की है. जिसमें कई फर्जी मेडिकल प्रैकटीशनर पकड़े गए हैं.
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