टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- क्या आप सोच सकते है कि 58 साल पहले एक चोरी हुई थी और उसके आऱोपी को पुलिस ने अब पकड़ा है. वो भी लगभग छह दशक बाद आऱोपी पुलिस की गिरफ्त में आया है. इससे एक बात तो साफ है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं, एक न एक दिन तो उसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. वो कर्नाटक राज्य का है जहां 58 साल पहले एक भैंस की चोरी हो गई थी. पुलिस ने अब उसे पकड़ा है.
58 साल पहले भैंस की चोरी
पुलिस के मुताबिक के मुताबिक भैंस चोरी की ये वारदात करीब छह दशक पहले यानि, यह मामला 1965 का है. आरोपी ने जब भैंस को चोरी की थी, तो उसकी उम्र महज 20 साल की थी, वही इस चोरी के मामले में एक अन्य आरोपी भी था. जिसका नाम किशन चंदर था, लेकिन, उसकी मौत 11 अप्रैल 2006 को हो गयी थी , उसके निधन के बाद मामला बंद कर दिया गया था. हालांकि, दूसरे आरोपी की पहचान गणपति विट्टल वागोर के रूप में हुई है. दरअसल, मेहकर निनाली मुरलीधरराव माणिकराव कुलकर्णी ने 25 अप्रैल 1965 को दो भैंस औऱ एक बछड़े की चोरी के संबंध में क्षेत्राधिकारी मेहकर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, पुलिस ने 1965 में महाराष्ट्र के उदयगीर निवासी किशन चंदर और गणपति विट्ठल वागोर को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन, जमानत मिलने के बाद आरोपी गायब ह गये . अदालती फरमान और वारंट जारी होने के बावजूद दोनों आरोपी फरार रहे.
पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट
भैंस चोरी के आरोपी के फरार होने के बाद आऱोपियों का पता नहीं लग रहा था . पुलिस ने इस मामले को लेकर लंबे समय से लंपित रिपोर्ट यानि एलपीआर दर्ज की थी. हालांकि, बीदर एसपी एस.एल चन्नासवन्ना ने सभी एलपीआर मामलों क सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया , जिसके बाद टीम ने आरोपियों को पकड़ने में कामयाब हुई.
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