TNP DESK- भारत सरकार का नया बजट आ रहा है.वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए यह पूर्ण बजट होगा क्योंकि इससे पहले लोकसभा चुनाव हो रहा था और लोकसभा चुनाव के पूर्व अनुदान मांग ही पेश किया जाता है ताकि सरकारी खर्च पूरा किया जा सके. यही परंपरा रही है. जिस साल लोकसभा का चुनाव प्रस्तावित रहता है, उस साल ऐसे ही अनुदान मांग पर संसद की स्वीकृति लेकर कामकाज चलाया जाता है. अब केंद्र में सरकार बन गई है.इसलिए बचे हुए महीने के लिए ही सही बजट लाया जा रहा है.23 जुलाई को यह संसद में पेश होगा.
21 जुलाई को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
18वीं लोकसभा का गठन हो गया है. इसका पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चला. इस दौरान लोकसभा चुनाव में चुने गए सदस्यों ने शपथ लिया. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का संबोधन हुआ. इस सत्र में नीट यूजी परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया था. अब मानसून सत्र आहूत किया गया है राष्ट्रपति ने इस संबंध में स्वीकृति दे दी है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस संबंध में जानकारी दी है. 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है ताकि संसद का यह सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चल सके.12 अगस्त तक यह सत्र चलेगा.
22 जुलाई से शुरू होने वाले इस सत्र में मुख्य आकर्षण वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट है. देश की जनता इस बजट के प्रति बहुत आशान्वित है. कहा जा रहा है कि इस बार के बजट में मध्यम वर्ग के हितों का ख्याल रखा जाएगा. इसके अलावे वेतन भोगी वर्ग के लिए भी कुछ राहत का प्रावधान किया जा सकता है.
बजट की कॉपी लॉक हो गई, जानिए हलवा सेरेमनी के बारे में
23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2024 25 का बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्रालय ने इसके लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. कई दौर की बैठकें हुईं. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ मंत्रणा कर चुके थे. बजट का स्वरूप फाइनल कर दिया गया है. अब इसकी कॉपी छपने चली गई है. इससे लॉक इन कहते हैं. यानी अब इसमें कुछ भी नहीं हो सकता. अब सीधे यह संसद में पहुंचेगी. बजट की कॉपी प्रिंटिंग में जाने से पहले एक परंपरा का निर्वहन किया गया. नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया. यह एक परंपरा रही है कि जब बजट का स्वरूप तय हो जाता है और जब यह प्रिंटिंग के लिए चला जाता है, उस समय हलवा सेरेमनी आयोजित की जाती है. यानी शुद्ध घी में बना ड्राई फ्रूट से भरा हुआ हलवा तैयार होता है और वित्त मंत्रालय के वैसे अधिकारियों के बीच वितरित किया जाता है जिन्होंने बजट को फाइनल रूप देने में अपना योगदान दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा का निर्वहन करते हुए सभी को हलवा खिलाया.
4+