टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा पार कर ली है. उनकी आगे की सियासी पारी में अब कोई अड़चन नहीं रह गयी है , एनडीए में वापसी के बाद उनका सबसे बड़ा कांटा बहुमत साबित करने का था. जिसे उन्होंने आसानी से पार कर लिया. इससे पहले तरह-तरह के अटकले और आशंकाओं के बादल मंडरा रहे थे. तरह-तरह की बयानबाजियों और शोर-गुल से फ्लोर टेस्ट पास करने पर ही संकट खड़ा हो गया था.
आखिरकार सोमवार को बहुमत साबित हो गया और नीतीश आगे की कमान बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर संभाले रहेंगे. इस दरम्यान अपने संबोधन में नीतीश ने विपक्ष राजद की भी खूब धज्जियां उड़ायी और तेजस्वी यादव को भी उनके मात-पिता के शासनकाल की याद दिलवायी.
नीतीश ने अपने संबोधन में 2005 के पहले के बिहार का इतिहास याद दिलवाया कैसे लालू-राबड़ी के शासन में राज्य की हालत जर्जर थी. डर , आशंका और विकास का सूरज हमेशा के लिए डूब गया था. लोग शाम को घर से बाहर निकलने से डरते थे.
नीतीश कुमार के भाषण की 10 बड़ी बाते
1. (तेजस्वी यादव) इनके माता-पिता को पंद्रह साल काम करने के मौका मिला था, तब बिहार में क्या हुआ था. शाम को कोई घर से बाहर नहीं निकल सकता था.
2. लालू-राबड़ी के शासन में न सड़क थी और न कोई रास्ता था.
3. उनके शासन में पहले हिन्दू-मुस्लिम के बीच कितना झगड़ा होता था. लेकिन, जब हम आए तो हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद हुआ
4. 2015 में मैने ही सात निश्चय लेकर आया था. 7 निश्यच मेरा ही आइडिया था. कोई और इसे लेकर नहीं आया .
5.सात निश्चय जब आया था तो यह लोग भी उस समय हमारे साथ आए औऱ शुरु में कोई गड़बड़ नहीं की. लेकिन, कुछ समय बाद देखा कि इनके लोग काम नहीं कर रहे थे. तो दोबारा से उनके साथ (एनडीए) चला गया.
6. नीतीश ने कहा कि हम अब पुरानी जगह पर आ गए हैं, अब हम कहीं नहीं जाएंगे
7. हम किसी का नुकसान नहीं करने वाले हैं. हम सबके हित में काम करेंगे.
8.नीतीश ने कहा कि हमको तो बीच में तकलीफ हो गई. हम तो इन लोगों को इज्जत दिए हुए थे. लेकिन, हमको बीच में पता चला कि ये लोग तो कमा रहें हैं.
9. नीतीश ने बोला कि हमें तो यह भी पता चला कि ये लोग अपने विधायकों को एक साथ रखे थे और बाकी को इधर-उधर करने के लिए लाखों रुपये देना चाहते थे.
10. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने सवाल उठाते हुए बोला कि , अब ये पैसा कहां से आया, हम इसकी जांच कराएंगे. याद रखिएगा कि आप लोगों की पार्टी ठीक नहीं कर रही है.
नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया और इसके साथ ही उनका भाषण ये दिखाता है कि कैसे उन्होंने विपक्ष पर बरसने के साथ-साथ तंज भी कसा. तेजस्वी यादव को भी उन्होंने लपेटे में ले लिया.
आपको बता दे सियासत के रंग बड़े अजीब होते हैं, नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर महागधबंधन के साथ सरकार बनायी थी. लेकिन, एकबार फिर 28 जनवरी को बिहार में एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार बनाई.
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