Bihar Post Election Effect: बिहार में गठबंधन क्यों टूट के कगार पर,झारखंड पर क्या पड़ेगा प्रभाव!


TNP DESK- बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जमीन पूरी तरह से खिसक गई है. महागठबंधन में दोषारोपण का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस वाले राजद को जिम्मेदार बता रहे हैं, तो राजद वाले कांग्रेस को कह रहे हैं कि जो भी वोट कांग्रेस को बिहार में मिला है, वह राजद की वजह से मिला है. जबकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजद के चलते ही कांग्रेस को कम वोट मिले. अब दोनों दलों में तकरार बढ़ती जा रही है. अभी महागठबंधन की संयुक्त समीक्षा बैठक होनी बाकी है. लेकिन दोषारोपण का दौर शुरू हो गया है. सवाल यह किये जा रहे हैं कि क्या बिहार में महागठबंधन के दलों क रास्ते अलग-अलग हो जाएंगे.
अगर बिहार में महागठबंधन टूटा,तो झारखंड में क्या होगा
अगर बिहार में महागठबंधन टूटा, तो झारखंड में भी इसका क्या असर होगा, इसका भी झारखंड के कम से कम कांग्रेस के नेता आकलन शुरू कर दिए है. सूत्रों के अनुसार शनिवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा कि कांग्रेस को जितनी भी सीटों पर वोट मिले हैं, वह राजद के कारण ही मिले है. कांग्रेस अगर अलग राजनीति करना चाहती है, तो कर ले. उन्हें असलियत का पता चल जाएगा. बिहार में राजद का अपना जनाधार है. जिसका फायदा गठबंधन के दलों को मिलता है. 2020 में कांग्रेस को 19 सीट मिली थी, वह सीट भी राजद की बदौलत ही मिली है. अब मंगनी लाल मंडल के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि अगर कांग्रेस की कोई ताकत नहीं है, तो राजद उसके साथ गठबंधन में क्यों है.
गठबंधन की इस लड़ाई में भजपा को क्यों आ रहा मजा
गठबंधन की इस लड़ाई में भाजपा मजे ले रही है और तंज कस रही है. भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि दोनों दल चुनाव के पहले भी लड़ रहे थे. चुनाव के बाद भी लड़ रहे है. इस बीच अभी सूचना मिली है कि राजद विधायकों की बैठक शनिवार को यानी आज होने वाली है. बता दे कि 2025 में संपन्न हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन को बुरी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस 6 सीट जीत पाई थी. राजद 25 पर जीत सका. अन्य घटक दलों की स्थिति भी खराब रही. महागठबंधन को मात्र 35 विधानसभा सीट मिले. गुरुवार को नई दिल्ली में कांग्रेस ने बिहार चुनाव की हार की समीक्षा बैठक बुलाई, इसमें सभी 61 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के उम्मीदवार के अलावा प्रदेश स्तर के नेता मौजूद रहे. बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सभी उम्मीदवारों से अलग-अलग समूह में बात की.
बिहार के कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान को क्या बताया
सूत्रों ने दावा किया है कि अधिकतर ने बताया कि राजद से गठबंधन की वजह से कांग्रेस बुरी तरह हारी है. अगर कांग्रेस इस चुनाव में अकेले मैदान में उतरती, तो परिणाम बेहतर होते. प्रत्याशियों का सुझाव था कि राजद से गठबंधन तोड़ देना चाहिए. सवाल उठता है कि 2024 में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा , कांग्रेस और राजद झारखंड में गठबंधन के साथ थे. बिहार में राजद को सीट नहीं मिली. अंतिम समय में झामुमो को धोखा मिल गया. इसका कसक कहीं ना कहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं में भी है. बिहार में अगर गठबंधन टूटता है तो इसका असर झारखंड में क्या पड़ेगा, इसका भी आकलन राजनीतिक पंडित करने लगे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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