टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 'जल रहेगा तभी आने वाला कल भी रहेगा', यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिन्होंने माउंट आबू में आयोजित जल संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया. ईश्वरीय ब्रम्हाकुमारी विद्यालय के सभागार में आयोजित जन अभियान का शुभारंभ हुआ. प्रधानमंत्री ने इसी कार्यक्रम को वर्चुअली उद्घाटन किया
जल संरक्षण बेहद जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देशवासियों में जल संरक्षण के मूल्यों के प्रति आस्था पैदा करनी होगी. आम लोगों को इसके महत्व को समझाते हुए उनके लिए दायित्व का निर्धारण करना होगा. जल संरक्षण भारत के लिए महत्वपूर्ण है. विश्व की 18% आबादी भारत में रहती है कई स्थानों पर जल का संकट है. इन्हें दूर करने के लिए संरक्षण बेहद जरूरी
दुनिया में सबसे अधिक नगरीकरण भारत में हो रहा
माउंट आबू में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन एक बड़ा खतरा है.जल स्रोतों का संरक्षण जरूरी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में जो देता है, उसे देवता कहा गया है. इसलिए हम समुद्र और पेड़ पौधों की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि आम लोगों के जुड़ाव से वाटर बॉडीज को पुनर्जीवित किया जा सकता है. आज जलवायु परिवर्तन वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है पर्यावरण असंतुलन चिंता की बात है. हमें साल भर पानी की जरूरत होती है. यह मानसून के कुछ दिनों के प्रताप से मिलता है. हमारी अधिकांश निर्भरता भूगर्भीय जल से है. इसके अधिक दोहन के कारण हमने धरती का 20% हिस्सा खोखला कर दिया है. दुनिया में सबसे अधिक नगरीकरण भारत में हो रहा है. इसके कारण भूगर्भीय जल स्रोत पर ज्यादा दबाव बढ़ रहा है. आने वाले समय के लिए हमें तैयार रहना चाहिए. अभी से जरूरत है कि हम जल स्रोतों का संरक्षण करें और पानी बचाएं. इस कार्यक्रम में कई मौसम वैज्ञानिक और मंत्री शामिल हुए.हाहै.री.
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