Ranchi- ईडी ने अपनी पूछताछ के बाद सीएम हेमंत को गिरफ्तार कर लिया है, और इसके साथ ही सीएम हेमंत अपना इस्तीफा सौंपने राजभवन की ओर निकल पड़े हैं, जहां पहले से ही सत्ता पक्ष के विधायकों के द्वारा अपना शक्ति प्रर्दशन करते हुए नयी सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है, महागठबंधन की ओर से राज्य के अगले मुखिया के बतौर हेमंत सरकार में कल्याण मंत्री का दायित्व संभाल रहे चंपई सोरेन के नाम पर सहमति प्रदान की है, इसके बाद साफ है कि सीएम हेमंत को आज भी गिरफ्तार लिया जायेगा, और ईडी उनको अपने साथ लेकर जायेगी. इसके साथ ही खबर यह भी है कि राज्यपाल के मुलाकात के बाद सभी विधायक सीएम हाउस वापस आयेंगे और पूरी रात वहीं मौजूद रहेंगे, यह स्थिति तब तक बनी रहेगी, जब तक नयी सरकार का शपथ ग्रहण की औपचारिकता पूरी नहीं कर ली जाती.
इस्तीफे के बावजूद नयी सरकार के गठन तक अपने दायित्व का निर्वहन करते रहेंगे हेमंत सोरेन
बड़ी खबर यह है कि भले ही आज सीएम हेमंत को गिरफ्तार कर लिया जाये, लेकिन जबतक नयी सरकार का शपथ ग्रहण नहीं हो जाता है, वह जेल से भी अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे. यहां याद रहे कि कल सत्ता पक्ष की बैठक में दो नामों पर हस्ताक्षर करवाये गये हैं, पहला नाम तो कल्पना सोरेन का था, दूसरा नाम वर्तमान सरकार में कल्याण मंत्री का दायित्व संभाल रहे चंपई सोरेन का है, खबर है सीएम की रेस में कल्पना सोरेन सबसे आगे थी, लेकिन सोहराई भवन मामले में उनका नाम उछलता रहा है, इस हालत में उनके नाम पर कानूनी पेंच भी फंस सकता है, और इसी पैंतरे की काट में चंपई सोरेन के नाम को भी आगे करने का फैसला किया गया. चंपई सोरेन को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का बेहद करीबी और भरोसेमंद माना जाता है, कोल्हान में उनकी जबरदस्त पकड़ है, चंपई सोरेन को कोल्हान में टाईगर के नाम से भी पुकारा जाता है.
कालकोठरी से होगा भाजपा के खिलाफ सिंहनाद
यहां बता दें कि जब तक सीएम हेमंत को इस मामले में जमानत नहीं मिल जाती, उन्हे कालकोठरी में अपना समय गुजारना होगा, मुश्किल यह है कि सामने 2024 का महासंग्राम है, और शायद उनकी गिरफ्तारी के पीछे सियासत का खेल भी यही है, वह खुद भी इस बात का दावा करते रहे हैं कि भाजपा उन्हे 2024 के पहले मैदान से बाहर करना चाहती है, ताकि वह झारखंड में अपने मनसूबे को पूरा कर सकें, इस हालत में साफ है कि सीएम हेमंत को अपनी गिरफ्तारी की आशंका थी, और वह यह मान कर चल रहे थें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले उन्हे मैदान से हटाने की साजिश रची जा सकती है, अब देखना यह होगा कि जब झामुमो का सबसे मजबूत चेहरा ही कालकोठरी में बंद होगा, तब 2024 की लड़ाई को किस दम खम के साथ लड़ा जाता है, हालांकि उनके समर्थकों को दावा है कि सीएम हेमंत जेल में रहकर भी भाजपा पर भारी पड़ेगें, उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके पक्ष में जन सहानुभूति का वह तूफान सामने आयेगा कि जिसमें भाजपा की सारी हसरतें डूब जायेगी.
सीएम भले ही चंपई सोरेन हों, लेकिन सियासी मोर्चा खोलेंगी कल्पना सोरेन
एक दावा यह भी है कि भले ही सीएम हेमंत की गिरफ्तारी के बाद राज्य की कमान भले ही कल्पना सोरेन के हाथ में नहीं आये, लेकिन अब वह पूरी तरह से सियासी मैदान में होगी. भाजपा के खिलाफ चुनावी अभियान में झामुमो का प्रमुख चेहरा होगी. और यदि वाकई ऐसा होता है, कल्पना सोरेन सियासी मैदान में उतर कर भाजपा को ललकारती है, तो आदिवासी मूलवासियों के साथ ही राज्य की आधी आबादी के बीच सीएम हेमंत के पक्ष में ध्रुवीकरण तेज हो सकता है.
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