भागलपुर(BHAGALPUR): कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के दबाव में आकर इस तरह का बयान दे रहे हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा हिस्सेदारी की मांग किए जाने के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किस बात की हिस्सेदारी, बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुना है. जनता उनसे हिसाब मांग सकती है. उपेन्द्र कुशवाहा को किस बात की हिस्सेदारी दी जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दौरान घूम-घूम कर विकास का जायजा ले रहे हैं और बिहार के विकास में लगातार काम कर रहे हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसको लेकर देखना है.
उपेन्द्र कुशवाहा ने ये कहा था
बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था कि जब हमें जेडीयू संसदीय बोर्ड का जब अध्यक्ष बनाया गया था तो हमको भी लगता था कि पार्लियामेंट्री बोर्ड का जो दायित्व होता है उन दायित्वों को निर्वहन करने का अवसर मिलेगा. हम पार्टी के कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा कर पाएंगे. बाद में पता चला कि बोर्ड का जो अध्यक्ष मुझे बनाया गया, यह सीधे तौर पर मेरे हाथ में एक झुनझुना थमा दिया गया. पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष जिस दिन मुझे बनाया गया, उस दिन पार्टी के संविधान में कुछ नहीं लिखा हुआ था. बाद में पार्टी के संविधान में संशोधन हुआ और लिखा गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों को मनोनीत करेंगे. पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों के मनोनयन का भी अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को है. पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष को नहीं. संशोधन के बाद भी यही स्थिति है. हम तो पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष बन गए उसके बाद सदस्यों के मनोनयन भी हम नहीं कर सकते थे. ऐसे में झुनझुना नहीं तो और क्या मिला? संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष से आज तक कोई राय नहीं मांगी गई. टिकट बंटवारे में बोर्ड अद्यक्ष की बड़ी भूमिका होती है. लेकिन किसी भी समय हमसे राय नहीं ली गई. यह अलग बात है कि हमने ही कई दफे मुख्यमंत्री को राय दिया. लेकिन हमारी राय को खारिज कर दिया गया. हमारे सुझाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
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