रांची(RANCHI)- कहावत है कि राजनीति में कोई दोस्त नहीं होता, राजनीति के इस मैदान में आपको सिर्फ विरोधियों को ही पटकनी देनी नहीं होती, बल्कि अपने सहकर्मियों और राजनीतिक सहयोगियों के आशियाने को उजाड़ने की जुगत भी लगानी पड़ती है. लगता है कोलकत्ता कैश कांड के सदमे से बाहर निकल अब विधायक इरफान अंसारी इसकी तैयारियों में जुट गये हैं. इसकी व्यूह रचना तैयार की जा रही है, तीन वर्षो से दिल की गहराईयों में दबा वह दर्द अब सामने आने को बेकरार है. एक एक शब्द से उनके अन्दर का छुपा असंतोष बाहर आ रहा है.
अश्लील वीडियो प्रकरण के बाद तेज हुई इरफान की राजनीति
दरअसल बन्ना गुप्ता का अश्लील वीडियो प्रकरण ने उन्हे मुफीद राजनीतिक मौका प्रदान कर दिया है. यही कारण है कि विधायक इरफान अंसारी झारखंड के इस काले धब्बे को धोने की बात कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस अश्लील वीडियो प्रकरण से ना सिर्फ झारखंड की राजनीति पर काला धब्बा लगाया है, बल्कि झारखंड का चेहरा भी दागदार किया है.
अश्लील वीडियो प्रकरण के बहाने मंत्री बन्ना गुप्ता को लपटने की कोशिश करते हुए इरफान अंसारी बड़े ही मासूमियत से यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर किस मुंह के साथ जनता के बीच जायेंगे? जनता को क्या मुंह दिखलायेंगे? साफ है उनकी कोशिश कांग्रेस आलाकमान को यह संकेत देने की है कि इस प्रकरण से झारखंड में पार्टी की फजीहत होने वाली है. बन्ना गुप्ता के मंत्री रहते चुनाव में जनता का सवालों का सामना करना मुश्किल होने वाली है. बन्ना को मंत्री पद पर बिठाये रखना पार्टी की एक भारी भूल होगी.
दबी जुबान और संकेतों में पार्टी आलाकमान को संदेश देने की कोशिश
लेकिन यह सब कुछ दबी जुबान और संकेतों में कही जा रही है. इशारों ही इशारों पार्टी आलाकमान को संदेश देने की कोशिश की जा रही है. यही कारण है कि वह यह कहने से भी नहीं चुकते कि इस मामले में वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है, पार्टी से जुड़ी बात है. लेकिन सवाल यह है कि इतना सब कुछ बोलने के बाद भी क्या कुछ बोलने को बाकी रह गया है?
भाजपा में नहीं जाने की बेबसी इरफान को रोक रही है
दरअसल इरफान अंसारी की चाहत शुरु से ही मंत्री पद की रही है, कोलकत्ता कैश कांड को भी वह पार्टी विधायकों की चाल समझते हैं. लेकिन उनकी बेबसी यह है कि पार्टी में उनकी सुनी नहीं जा रही, और भाजपा में वह जा नहीं सकते, रही बात झामुमो की तो झामुमो कांग्रेस को तोड़ने का दुस्साहस करने की स्थिति में नहीं है. 2024 के महासमर में उसे भी कांग्रेस की जरुरत हैं.
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