रांची (RANCHI): उत्तराखंड में फंसे मजदूर का रेस्क्यू काम पूरा हो चुका है. उत्तरकाशी सिल्क्यारा सुरंग हादसा के बाद 41 मजदूर वहां फंस गए थे. इनमें झारखंड के 15 मजदूर भी टनल के अंदर मौजूद थे. जिनमें तीन मजदूर राजधानी रांची स्थित ओरमाझी थाना के खिड़ाबेड़ा गांव के रहने वाले है, जिनमें अनिल बेदिया, सुखराम बेदिया औऱ राजेंद्र बेदिया है. इनके परिवार वालों से आज द न्यूज पोस्ट ने बात की तो परिवार के लोगों में खुशी की लहर साफ तौर पर देखने को मिली है.
मीडिया के समझ किया अपना दर्द साझा
मंगलवार को जब द न्यूज पोस्ट की टीम खिड़ाबेड़ा गांव पहुंचकर उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूर बेदिया के परिवारों से बात की. तो परिवार के लोगों ने मीडिया के समझ अपना दर्द साझा किया. अनिल बेदिया के परिवार ने कहा कि जब से यह हाद्सा हुआ था, तब से परिवार के लोग इसी इंतजार में थे कि कब उन्हें ये खुशखबरी मिले कि उनके अपने टनल से बाहर निकले. आज समाचार के जरिए उन्हें इसकी जानकारी मिली की उनका बेटा आज टनल से बाहर आ जाएगा. तब से परिवार के सभी सदस्य यही आस लगाए बैठे है कि कब उनका बेटा इस टनल से बाहर आए.
दर्द खुशी में बदला
वहीं राजेंद्र बेदिया के लाचार और दिव्यांग पिता सरवन बेदिया ने बताया कि जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि उनका बेटा टनल से आज बाहर आ जाएगा. उनके घर और गांव में मातम का दर्द खुशी में बदल गया है. उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन यह घटना घटी थी, तब से परिवार के सभी सदस्य निरास थे, सभी यह चिंता में बेठे थे कि उनका बेटा कैसा होगा. परिवार के चहरे से खुशी पुरी तरह से गायब हो चुकी थी, सभी यह दुआ कर रहे थे कि उनके अपने सुरक्षित हों.
बताते चले कि बेतिया परिवार के सभी सदस्य औऱ खिड़ाबेड़ा गांव की पूरी जनता हाथ जोड़ कर भगवान से यहीं प्रार्थना कर रहे है कि उनका बेटा, भाई पूरी तरह से सुरक्षित हो, उन्हें किसी प्रकार की कोई नुकसान नहीं पहुंचे. वहीं परिवार के लोगों में उनके बेटे की बाहर निकलने की खुशी साफ तौर पर नजर आ रही है.
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