दरभंगा(DARBHANGA): बिहार के दरभंगा में एक गिद्ध की बरामदगी हुई है जिसकी पीठ पर सेंसर लगा है. दरभंगा शहर में इन दिनों एक गिद्ध बड़ी ही चर्चा का कारण बना हुआ है . हुआ ये कि एक ईंट भट्ठा खेत में काम कर रहे किसान और मजदूरों की नजर किनारे बैठे एक गिद्ध पर पड़ी. मजदूरों ने देखा कि गिद्ध की पीठ पर कोई यंत्र लगा है जिसपर अंग्रेजी में कुछ लिखा है. आराम से बैठा हुआ ये गिद्ध तब स्थानीय लोगों की नजर में चढ़ गया और कामगारों ने तुरंत ही सूझबूझ दिखाते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद बहेड़ा थानाध्यक्ष राज कपूर कुशवाहा मौके पर पहुंचे. बाद में जाल लगाकर इस गिद्ध को पकड़ लिया गया और पुलिस और वन विभाग की टीम ने इसे अपने संरक्षण मे ले लिया.
पीठ पर लगा है सेंसर और पंजे पर है कोई रिंग जैसी चीज
इसमें संदेह नहीं की ये मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि पकड़े गए गिद्ध की पीठ पर कोई इलेक्ट्रानिक सेंसर लगा हुआ है जिसमें अंग्रेजी के कोड लिखे हुए है. ये कोड सांकेतिक भाषा में लिखे गए हैं. जिसे भेजनेवाले और प्राप्त करनेवाले ही समझ सकता है. खेत में काम कर रहे किसानों ने जब इसे देखा तो गंभीरता से पुलिस को सूचित किया, पुलिस ने जाल लगाकर गिद्ध को पकड़ लिया. अब इन सेन्सर की जांच की जा रही तथा गिद्ध को वन विभाग को सौंप दिया गया है. प्राप्त किए गए सेंसर की भी जांच की जा रही है कि आखिर गिद्ध की पीठ पर इस इलेक्ट्रानिक उपकरण को लगाने के पीछे किसी के क्या उद्देश्य हो सकते हैं. क्या ये किसी बाहरी जासूसों की साजिश है या स्थानीय लोगों की कोई करामात. इसका पता तो जांच के बाद ही चल सकेगा.
गिद्ध के पंजे से बरामद हुए रिंग मे भी अंग्रेजी में एन(N)लिखा हुआ था. अब ये किस संदर्भ में लिखा था ये कहना मुश्किल है. सेंसर लगे गिद्ध के मिलने से लोगों के बीच भी कई तरह की बातें चल रही है कोई कह रहा ये दुश्मन देश की चाल है तो कोई इसे देश में छुपे दुश्मनों से जोड़कर देख रहा. इस जासूस गिद्ध को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. हालांकि पुलिस अपनी प्रारम्भिक जांच में जुट गई है और सेंसर तथा पंजे में मिले रिंग की भी जांच हो रही है. परंतु खबर लखे जाने तक कोई रिजल्ट नहीं बताया जा सका है.
बता दें की बहेड़ा थाना क्षेत्र के हावीभौआर में रविवार को एक गिद्ध देखा गया था जिसके पीठ पर सेंसर जैसा एक डलेक्ट्रॉनिक यंत्र लगा हुआ था. इसकी सूचना फौरन पुलिस को दी गयी और पुलिस ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उस गिद्ध को अपने कब्जे में ले लिया. यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है .
उज्बेकिस्तान में गिद्धों मे लगाए जाते है सेंसर, क्या ये गिद्ध इतनी दूर से आया है !
आपको बता दें उज्बेकिस्तान में विलुप्त होते गिद्धों को बचाने के लिए साथ की इनपर नजर रखने के लिए सेंसर लगाए जाते हैं तो क्या ऐसा संभव है की ये पक्षी इतनी दूर से यात्रा कर बिहार पहुंचा है . उज्बेकिस्तान में केवल 135 जोड़े गिद्ध ही बचे हैं. पर्यावरण संतुलन के लिए और इनकी प्रजाति को बचाने के लिए उज्बेकिस्तान इनपर गंभीरता से नजर रख रही और इनको पकड़ कर इनके पीठ पर सेंसर या सेटेलाइट उपक्रम लगा देती है. जिससे प्रवास के दौरान इनके लोकेशन का पता लगाया जा सके. बुल्गारियन प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ बर्ड के साइंटिस्ट बुल्गारिया निवासी ब्लादमीर और ब्रिटेन के जॉन बर्न साइट ने जुलाई 2021 में 60 दिन के दो गिद्धों की सैटेलाइट टेगिंग की थी. उनके पैर में एक रिंग डाली और पीठ पर जीपीएस के साथ सोलर प्लेट लगा कर उन्हें छोड़ा था. यह टेगिंग काराकुम डेजर्ट में की गई थी. आम तौर पर ठंड ज्यादा होने पर गिद्ध भोजन की तलाश में अफ्रीका, दक्षिणी अरेबिया जाते हैं. संभव है ये अतिथि गिद्ध भी अपने प्रवास के दौरान बिहार में आ बैठा हो , पर वजह जो भी हो इस सेंसर लगे गिद्ध के मिलने से स्थानीय लोग आश्चर्यचकित हैं.
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