टीएनपी डेस्क(TNP DESK): Apple अपने iPhone प्लांट को चीन से भारत में शिफ्ट करने की योजना बना रहा है. क्यूपर्टिनो-दिग्गज ने भारत के कर्नाटक में एक नए आईफोन संयंत्र में निवेश करने की योजना बनाई है और करीब 700 मिलियन डॉलर का निवेश करने वाला है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पुष्टि की है कि एप्पल का नया प्लांट कर्नाटक में 300 एकड़ के कारखाने में बनाया जाएगा. जिस पर, कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि नया संयंत्र भारत में 100,000 नौकरियां पैदा करेगा.
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, "कर्नाटक में 300 एकड़ की नई फैक्ट्री में एप्पल फोन बनाए जाएंगे. वहीं कर्नाटक के सीएम बसवराज एस बोम्मा ने ट्वीट किया कि राज्य में जल्द ही एप्पल फोन का निर्माण किया जाएगा. लगभग 100,000 नौकरियां सृजित करने के अलावा, यह कर्नाटक के लिए बहुत सारे अवसर पैदा करेगा. माननीय पीएम @narendramodi जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अपना काम करेंगे.
300 एकड़ की जगह पर एक कारखाना बनाने की योजना
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन दक्षिण भारत में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हवाई अड्डे के पास 300 एकड़ की जगह पर एक कारखाना बनाने की योजना बना रही है. कारखाने का उद्देश्य iPhone पार्ट्स का निर्माण करना है, और कुछ अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि यह Apple के हैंडसेट को भी जोड़ सकता है. फॉक्सकॉन अपने नए इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय के लिए कुछ घटकों के निर्माण के लिए भी उसी साइट का उपयोग कर सकती है. ऐपल ने इस मामले को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.
भारत में प्रस्तावित आईफोन फैक्ट्री लगभग 100,000 रोजगार सृजित करने के लिए तैयार है. वर्तमान में चीनी शहर झेंग्झौ में iPhone के असेंबली कॉम्प्लेक्स में 200,000 कर्मचारी कार्यरत हैं.
चीन में श्रमिकों ने की थी शिकायत
नवंबर 2022 में चीन में कारखाने के श्रमिकों ने कठोर कामकाजी परिस्थितियों की शिकायत की. रिपोर्टों के अनुसार, चीन में फॉक्सकॉन के झेंग्झौ संयंत्र में हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद नए कर्मचारियों सहित 20,000 से अधिक कर्मचारी प्रोडक्शन से बाहर चले गए थे. श्रमिकों ने काम की परिस्थितियों पर नाखुशी व्यक्त की थी, जो बाद में पिछले कुछ दिनों में विरोध में बदल गई. फॉक्सकॉन ने विरोध को शांत करने के प्रयास में नए काम पर रखे गए कर्मचारियों को सुविधा छोड़ने के लिए 10,000 युआन (1400 डॉलर) का भुगतान करने की पेशकश की थी.
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