टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का आदेश मिलते ही अमेरिकी F-22 फाइटर ने उत्तरी क्षेत्र के ऊपर चक्कर लगा रहे चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. अमेरिका ने सिर्फ एक मिसाइल दागकर इस स्पाई बैलून को अटलांटिक महासागर में गिरा दिया. साथ ही गुब्बारे के संवेदनशील मलबे को कब्जे में लेने के लिए एक टीम को रवाना होने का आदेश दे दिया है. अमेरिकी सेना का दावा था कि यह बैलून चीन की ओर से अमेरिका की जासूसी के लिए भेजा गया था. इस कथित जासूसी बैलून को पहली बार 28 जनवरी को अमेरिकी एयरपोर्ट जोन में देखा गया था. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद इसे मोंटना के आसमान पर मंडराता पाया गया. इसका साइज कितना बड़ा था, इसकी कोई पुख्ता जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन ABC न्यूज के हवाले से यह खबर आयी है कि यह करीबन तीन बस के बराबर था.
चीन ने जताया एतराज, कहा यह महज एक सिविलियन एयरशिप
इधर इस अमेरिकी कार्रवाई पर चीन ने कड़ा एतराज जताया है, इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए चीन ने कहा है कि हमारे पास भी इस तरह के कार्रवाई के अधिकार हैं, जरुरत पड़ी तो हम भी जवाबी कार्रवाई पर विचार कर सकते हैं. चीन ने कहा कि यह कोई जासूसी बैलून नहीं होकर महज एक सिविलियन एयरशिप है, जिसका इस्तेमाल मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है, यह अपना रास्ता भटकने के कारण वहां पहुंच गया है.
6 हजार किलोमीटर की दूरी तय अमेरिका कैसे पहुंचा सिविलियन एयरशिप
जबकि अमेरिका का तर्क है कि क्या सिविलियन बैलून 6 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है, आखिर यह चीन से चलकर मोंटाना कैसे पहुंचा. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के हवाले से यह खबर आयी है कि वर्ष 2000 के बाद से चीन की ओर से जासूसी की घटनाओं में वृद्धि हुई है और अब तक करीबन इस प्रकार की 160 घटनाएँ सामने आ चुकी है.
रद्द हुआ अमेरिकी विदेश मंत्री का चीन दौरा
इस बैलून विवाद के बाद चीन और अमेरिका के रिश्ते काफा तल्ख हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है. दोनों देशों के बीच तनाव के स्तर को इससे समझा जा सकता है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस विवाद को सामने आते ही अपना चीनी दौरा रद्द हो गया है, अमेरिकी की ओर से चीन की घेराबंदी तेज कर दी गयी है. अमेरिकी ने तेजी से कदम उठाते हुए फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का बड़ा फैसला किया.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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