टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर ED सक्रिय है और अवैध खनन और नरेगा घोटाले में कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है , पिछले दिनों ईडी के कार्रवाई में दो नाम प्रमुखता के साथ सामने आया था उनमें से एक आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और दूसरा सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा थे. बता दें कि दोनों फिलहाल जेल में हैं. लेकिन इस बीच बीते रविवार शाम संताल परगना के पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कार्यालय में पीसी की. यह पीसी पंकज मिश्रा को साहिबगंज जिले के सभी मामले में क्लीन चिट दिए जाने की जानकारी देने के लिए किया गया था. हालांकि, झारखंड के 22 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब किसी डीआइजी रैंक के अधिकारी ने सिर्फ किसी को क्लीन चिट देने के लिए पीसी की हो.
आपको याद होगा कि अवैध खनन मामले को लेकर जब सीएम हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर जा रहे थे तब उन्होंने मीडिया से बात करते समय पूरे अवैध खनन मामले पर ही सवाल उठाया था. उन्होंने साफ कहा था कि 1000 करोड़ का खनन सिर्फ गिट्टी से नहीं हो सकता है. इसके अलावा उन्होंने पिछले कुछ सालों के राजस्व का पूरा ब्योरा भी दिखाया था. वहीं, अब पंकज मिश्रा को क्लीन चिट मिलना. मन में ये सवाल पैदा करता है कि ये क्या सच में वहां अवैध खनन हुआ भी है या नहीं? लेकिन ये बात भी सच है कि संताल में सालों से कई पहाड़ गायब होते रहे हैं. अगर कोई खनन हुआ नहीं तो आखिर पहाड़ गायब कहां हुए? खैर, इन सभी सवालों के जवाब ईडी पता करने में लगी है. क्योंकि अवैध खनन तो हुआ है फिर चाहे वो पंकज ने किया है या फिर किसी और ने.
क्लीन चिट देने वाले आईओ को समन
दरअसल, ईडी ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को टोल प्लाजा केस में क्लीन चिट देने वाले जांच अधिकारी सरफुद्दीन खान को समन किया है. उन्हें 5 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. वहीं, पंकज के न्यायिक हिरासत में फोन पर बातचीत के मामले में उनके सहयोगी सूरज से छह और चंदन से सात दिसंबर को पूछताछ होगी. इसके अलावा अमित अग्रवाल के वकालतनामा में गड़बड़ी के मामले में रांची जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर से भी पांच दिसंबर को पूछताछ होगी.
ईडी का गवाह अशोक यादव जेल में बंद
आपको बता दें कि अवैध खनन मामले में ईडी का गवाह बनने वाले अशोक यादव फिलहाल जेल में है. इस मामले पर पुलिस उप महानिरीक्षक ने कहा कि उसे आर्म्स एक्ट केस में जेल में है, जो उसके खिलाफ 1998, 2012 और 2014 में दर्ज हुआ था. उसी एक केस में उन्हें जेल भेजा गया है. वहीं, पुलिस उप-महानिरीक्षक ने इस बात से साफ इंकार किया कि ईडी का गवाह बनने की वजह से उसे गिरफ्तार किया गया है.
विजय हांसदा ने वापस लिया केस
वहीं, पंकज मिश्रा के खिलाफ जिस विजय हांसदा ने परिवाद पत्र भेजा था और केस दाखिल करने की बात कही थी वह अब केस नहीं लड़ना चाहता है. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि विजय हांसदा ने अशोक यादव के कहने पर पत्र दाखिल किया था. इसके अलावा विजय से पुलिस को लिखकर दिया है कि उससे झूठा केस कराया गया था. खैर, विजय ने सच में झूठा केस दर्ज किया था या किसी और कारण से केस वापस ले रहा है ये कहना थोड़ा मुश्किल है.
शंभू नंदन कुमार मामले में भी पंकज बरी
वहीं, एक और केस का जिक्र करते हुए डीआइजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि 12 जून 2020 को शंभू नंदन कुमार के आवेदन पर पंकज मिश्रा, आलमगीर आलम के अलावा 11 नामजद और 12 अज्ञात पर मामला दर्ज हुआ था. लेकिन बाद में इस केस में साक्ष्य के आधार पर पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम को निर्दोष करार दे दिया गया था. बता दें कि यह मामला टेंडर मैनेज करने के संबंध में था. हालांकि, इस मामले से जुड़ी जानकारी और केस ईडी टेक ओवर कर चुकी है.
पंकज-बच्चू का प्रतिद्वंद्वी है अशोक
मिली जानकारी के अनुसार अशोक यादव, पंकज मिश्रा और बच्चू यादव का प्रतिद्वंद्वी है. वहीं, बच्चू यादव और पंकज मिश्रा साथ मिलकर काम करते हैं. ऐसे में कई साल पुराने केस में अशोक यादव की फिलहाल हुई गिरफ्तारी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये है कि क्या अशोक को ईडी के गवाह बनने की वजह से जेल में डाला गया है? या फिर सच में अशोक ने पंकज पर गलत केस कराया था?
ED के लिए हो सकती है परेशानी
दरअसल, ईडी ने जिस मनी लांड्रिंग के केस में पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था. उस केस में परिवाद पत्र दाखिल करने वाले विजय हांसदा ने लिखकर दिया है कि पूरा केस ही झूठा है. ऐसे में ईडी अब पंकज को ज्यादा दिन तक जेल में नहीं रख सकती है. वहीं, कुछ जानकारों का मानना है कि पूछताछ के दौरान जो अवैध संपत्ति ईडी को मिली है उसके आधार पर ईडी पंकज को जेल में रख सकती है. खैर, ये तो समय बतायेगा कि कौन कब तक जेल में रहेगा और कौन बाहर होगा. लेकिन ये सच है कि खनिज संपदाओं से परिपूर्ण राज्य झारखंड बईमान लोगो के वजह से आज भी तबाह है .
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