गुमला (GUMLA) : झारखंड और झारखंड के रास्ते पशु तस्करी का मामला अक्सर सुनने में आता रहा है. पशु तस्करी प्रतिबंधित है. फिर भी बहुत सारे तस्कर पशुओं को अलग-अलग तरीके से झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल और वहां से बांग्लादेश पशुओं को भेजते रहे हैं. कई बार पुलिस सक्रिय रहती है तो तस्करी का उद्भेदन हो पता है. कुछ सामाजिक संगठन भी इस दिशा में सक्रिय रहते हैं. लेकिन इधर इस अवैध धंधे को नया रूप दिया जा रहा है. पशुओं को अब नए तरीके से चोरी छिपे तस्करी कर ले जाया जा रहा है. ऐसा ही मामला गुमला जिले में प्रकाश में आया है.
पशु तस्करों के नए तरीके का कैसे हुआ उद्भेदन
ताजा मामला बसिया के कोनबिर में देखने को मिला है. यहां पर ट्रक या अन्य माल वाहक से पशुओं को ले जाने के बजाय तस्करों ने कंटेनर का उपयोग किया है. दुर्भाग्य बस कंटेनर खराब होने के कारण लगभग डेढ़ दर्जन पशुओं को किसी तरह से तस्कर उतार कर खेत के पास छोड़ दिया फिर दूसरी तरफ गाड़ी के मिस्त्री को बुलाया गया.
इसी दौरान कुछ ग्रामीण पशुओं के झुंड को देखकर समझ गए कंटेनर में रखे जाने के कारण कई पशुओं को चोट भी आई है. ग्रामीण समझ गए कि यह सब पशु तस्करों का काम है कुछ लोगों ने पशु तस्करों को पकड़ने का प्रयास किया. तब तक कंटेनर ठीक हो गया था फिर ग्रामीणों को करीब आते देख तस्कर फरार हो गए. बसिया थाना की पुलिस को इसकी सूचना दी गई तो फिर आगे की कार्रवाई हुई पशुओं को स्थानीय गौशाला में रख दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि गुमला, सिमडेगा के ग्रामीण इलाकों से होकर पशु तस्करों का आना-जाना लगा रहता है. कुछ लोगों का तो कहना है कि इस मामले में पुलिस की भी कथित संलिप्तता रहती है
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