बोकारो : शादी तो स्वर्ग में तय होती है और ये सात जन्मों का बंधन होता है. लेकिन, झारखंड के बोकारो में न सात फेर हुए और न ही एक जन्म तक ये रिश्ता निभ सका. बताया जा रहा है कि शादी इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि दूल्हे पक्ष ने दुल्हन को सोने का मंगलसूत्र नहीं दिया. इसके चलते बैंड,बाजा और बारत बैरंग लौट गयी और दुल्हन थाने में लड़के वालों के खिलाफ आरोप लगाए.
सोने के मंगलसूत्र के लिए बखेड़ा
दरअसल, सोमवार की रात कतरास से बोकारो एक बारात विवाह के लिए पहुंची. बताया जा रहा है कि बालीडीह थाना इलाके केआरपीएफ बैरक के पास एक विवाह होने वाला था. लेकिन, शादी इसलिए नहीं हो सकी, क्योंकि सिटी गोल्ड का मंगलसूत्र लेकर पहुंचा था. इसे देखकर ही कन्या पक्ष वाले भड़क गये और इसके बाद तो खूब बवाल हुआ. बात इतनी बिगड़ गयी कि मामला थाने पहुंच गया. वर और वधू पक्ष विवाद को लेकर थाने पहुंच गये . वही बारती किसी तरह वह से बचते-बचाते चलते बनीं.
एक शादी हो नहीं सकी
थाने में कन्या पक्ष के लोगों ने दहेज की मांगने का आरोप वर पक्ष की तरफ से लगाया . आवेदन में इस बात को भी लिखा गया कि अभी तक वर पक्ष को करीब ढाई लाख रुपए दिया जा चुका है. शादी की रात इसके बाद और दो लाख रुपए की मांग की गई थी, जिसे देना उनके लिए मुमकीन नहीं था. आरोप ये भी लगाया कि इसके बाद वर पक्ष ने बारात वापस भेज दिया. लड़की पक्ष के दिए आवेदन में कतरास बाजार स्थित मिश्रा बस्ती निवासी दुल्हा हेमंत मिश्रा, मां रीना देवी और भाई जयंत मिश्रा को आरोपी बनाया गया.
दहेज मांगने का लगा आरोप
इधर, वर पक्ष की तरफ से ये आरोप लगाया कि दहेज जैसी तो कोई बात ही नहीं थी. रात का विवाद दहेज को लेकर नहीं बल्कि मंगलसूत्र को लेकर था . पैसे की किल्लत के चलते सोने की बजाए सिटी गोल्ड का मंगसूत्र लेकर आए थे. लेकिन, लड़की पक्ष सोने का मंगलसूत्र लेने पर अड़ गया. जो उनकी माली स्थिति को देखते हुए संभव नहीं था. इसके साथ ही ये भी कहा गया कि अभी तक एक कार्यक्रम के दौरान 10 हजार101रुपए मिला है. इन लोगों ने इस बात को भी स्वीकार किया गया कि व्यक्तिगत मदद के तौर पर उसने 22 हजार रुपए लड़की पक्ष से लिया था. लड़का विवाद करने के लिए तैयार हैं. लेकिन कन्या पक्ष के लोग मान ही नहीं रहें हैं.
फिलहाल पुलिस संभी बिन्दुओं पर बारिकी से जांच कर रही है. हलांकि, ये शादी आस-पास के इलाक में चर्चा का केन्द्र बनीं हुई है.
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