Tnp Desk:- सीएए-एनआरसी को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी हो गयी . इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़की हुी थी और इसे भेदभाव वाला बोला था. इस पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने करारा पलटवार किया है. उनका कहना था कि जो लोग चीजों को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं, उनकी राय अलग हो सकती है. वे उस पर नहीं जाएंगे . लेकिन, यह सुनिश्चित करना चाहते है कि जो देश हित में है, वह किया जाना चाहिए.
ममता बनर्जी ने क्या बोला था ?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए-एनआरसी को लेकर इसे भेदभावपर्ण बताया था. उन्होंने इसका विरोध करने का निर्णय लिया था. उन्होंने कहा कि सीएए-एनआरसी बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संवेदनशील है.
आपको बता द दिसंबर 2019 में पारित नागरिकता संसोधन कानून पारित हुआ था. राष्ट्रपति से इसकी मंजूरी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
आखिर क्या है CAA कानून
सीएए के नियम के अनुसार जो लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे. केवल उन्हें ही केंद्र सरकार भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करेगी. CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं. इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है, जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो.
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