रांची(RANCHI): साइबर अपराधी समय के साथ साथ लोगों को शिकार बनाने का तरीका भी बदल रहे हैं. अब तक कस्टमर केयर बन कर कॉल करते थे. लेकिन देश में बेरोजगारी का आलम देख साइबर अपराधियों ने इसे ही अपना हथियार बना लिया. विभिन्न सोशल मीडिया पर रोजगार देने के नाम पर लिंक और पोस्टर भेज कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला रांची में देखने को मिला. साइबर अपराधियों ने एक युवती को नौकरी संबंधित मैसेज टेलीग्राम पर भेजा. युवती ने नौकरी मिलने की लालच में उनसे बात करना शुरू किया. फिर साइबर अपराधियों ने युवती को अपने झांसे में ले लिया. इस मामले में सीआईडी ने बिहार से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
पूरा मामला
सीआईडी ने बताया कि युवती के टेलीग्राम पर इंटरनेशनल वर्चुअल नंबर से पहले संपर्क किया. संपर्क करने के बाद उसे घर पर बैठ कर पैसा कमाने के बारे में जानकारी दी.और युवती को यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने का काम दिया. शुरुआत के कई दिनों तक उसको काम के बदले पैसा देना शुरू कर दिया. कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा,साइबर अपराधी विभिन्न वीडियो को लाइक करने के बदले उसे पैसा देते गए. लड़की को उम्मीद भी नहीं थी की वह एक जाल में फसती जा रही है.ऐसा करने के बाद उसे एक और नंबर से टेलीग्राम पर ही मैसज आया और बताया गया की अब दूसरा वीडियो लाइक करना है.
टेलीग्राम पर उसे एक लिंक भेजा गया. साइबर अपराधियों ने उसे कहा कि आप अच्छा काम कर रही है. इस लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर अपने आप को रजिस्टर कर ले. इसके बाद लड़की ने लिंक पर क्लिक किया और सारी जानकारी साइबर अपराधियों के साथ साझा की. इसके बाद लड़की के साथ साइबर फ्रॉड का खेल शुरू हो गया.विभिन्न बैंक खाता में पैसा डालने को कहा गया.इस तरह से युवती के साथ 84 लाख 32 हजार एक सौ रुपये की ठगी की गई.जब युवती को लगा की उसके साथ धोखा हुआ है तो उसने रांची के साइबर थाना में मामला दर्ज करवाया.सीआईडी ने इस मामले में दो साइबर अपराधियों को बिहार से गिरफ्तार किया है.
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