रांची(RANCHI): 26 साल पुराने चारा घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 89 से अधिक लोगों को दोषी करार दिया है. इस मामले में कोर्ट ने 21 जुलाई को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला को सुरक्षित रख दिया था. आज 124 आरोपियों को लेकर सुनवाई चल रही थी लेकिन कोर्ट ने 35 लोगों को बरी कर दिया है. 52 लोगों को 3 साल की सजा सुनाई है. वहीं 37 लोगों पर 1 सितंबर को सुनवाई की जाएगी. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस मामले में पहले ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है.
वहीं इस मामले में सभी की नज़र कोर्ट पर थी आखिर क्या फैसला आने वाला है. 90 के दशक का सबसे बड़ा घोटाला चारा घोटाला को माना जाता है.रांची के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सुनवाई हुई है. इससे पहले चाईबासा,दुमका और दुमका कोषागार से अवैध निकासी में सुनवाई पूरी हो चुकी है. कोषागार से पैसों की बंदर बाट की गई थी. मोटर साइकिल और मोपेड़ पर हजारों किलोमीटर चारा की ढुलाई दिखाई गई थी. इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया गया था.
ये सभी दोषी करार
सीबीआई की विशेष अदालत में कोर्ट ने फैसला सुनाया. जिसमें गुलशन लाल आजमानी, डॉ. केएम प्रसाद, रामा संकर सिंह, अरुण कुमार वर्मा, गौरी प्रसाद, शरद कुमार, अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, अजय कुमार सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह सुरेश दुबे, मदन कुमार पाठक सहित अन्य को दोषी करार दिया.साथ ही सुनील कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिंह , जगदीश प्रसाद, नंद किशोर सिंह, राजीव कुमार , नरेश प्रसाद , रविंद्र प्रसाद , रविंद्र कुमार मेहरा , अजय वर्मा, डॉ हीरालाल और डॉ बिनोद कुमार को तीन साल की सजा सुनायी गयी है. बाकी की सजा पर कुछ देर में फैसला सुनाया जा सकता है.
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