रांची(RANCHI): झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है. पांच महीने तक सरकार चलाने के बाद वे हेमंत सोरेन को फिर से सत्ता की चाबी सौंप रहे हैं. वे शाम 7 बजे राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे, जिसके बाद गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करेगा.
देखा जाए तो कमजोर स्थिति में हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन पर भरोसा दिखाया था और जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो इस्तीफा देकर उन्होंने चंपई सोरेन को राज्य की बागडोर सौंप दी. झारखंड मुक्ति मोर्चा में चंपई सोरेन सबसे वरिष्ठ नेता थे, यही वजह है कि हेमंत को चंपाई सोरेन सबसे भरोसेमंद नेता लगे. उनके नाम का प्रस्ताव हेमंत सोरेन ने ही रखा था.
जानें कैसा रहा चंपाई सोरेन के 5 माह की सरकार
इस दौरान 4 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 तक चंपई सोरेन ने झारखंड की बागडोर संभाली है. इस दौरान चंपई सरकार की ओर से कई जटिल फैसले भी लिए गए और लोगों को कई ऐसी सौगातें दी गईं, जिसका सीधा फायदा चुनाव के दौरान मिल सकता है. देखा जाए तो चंपई सोरेन का कार्यकाल काफी अच्छा रहा है, चाहे 25 साल से लेकर 50 साल तक की महिलाओं को ₹1000 पेंशन देना हो या फिर कई ऐसी योजनाएं धरातल पर लागू की हैं, साथ ही झारखंड की जनता को कई अन्य सौगातें भी दी हैं, जो चंपई सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हुई. अब जब हेमंत सोरेन जेल से वापस आ गए हैं और उन्हें जमानत मिल गई है, तो झारखंड की बागडोर फिर से हेमंत सोरेन को सौंप दी गई है, जिस तरह भगवान राम ने वनवास जाते समय भरत को अपनी खड़ाऊं सौंपी थी, उसी तरह हेमंत ने भी जेल जाते समय सत्ता की चाबी चंपई सोरेन को सौंपी थी और अब जब वे वापस आ गए हैं, तो चंपई सोरेन ने फिर से राज्य की बागडोर हेमंत सोरेन को सौंप दी है. कुछ समय बाद चंपई सोरेन इस्तीफा दे देंगे और हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करेंगे.
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