रांची (TNP Desk) : गोड्डा में इस बार लोकसभा का चुनाव बेहद ही रोमांचक और कड़ा मुकाबला होगा. कांग्रेस इस सीट से महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर भरोसा जताते हुए उनको गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. उनका सामना गोड्डा से तीन बार के सांसद रहे भाजपा उम्मीदवार निशिकांत दुबे से होगा. बता दें कि इस सीट से पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव का नाम रेस में आगे चल रहा था, लेकिन पार्टी ने दीपिका पांडेय सिंह पर भरोसा जताया.
जानिए दीपिका पांडेय सिंह के बारे में
दीपिका पांडे सिंह का जन्म 22 जून 1976 को हुआ था. उनके माता और पिता का नाम प्रतिभा पांडेय और अरुण पांडेय है. अरुण पांडेय पुराने कांग्रेसी दिग्गज नेता हैं. वहीं उनकी मां प्रतिभा पांडेय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रह चुकी है. उनके पिता अरुण पांडेय का निधन चार महिने पहले ही रांची में हो गया था. 48 साल की दीपिका पांडेय की शादी महगामा से चार बार के विधायक और मंत्री रहे अवध बिहारी सिंह के बेटे इंजीनियर रत्नेश्वर सिंह से हुई है. फिलहाल वो अपने ससुर अवध बिहारी सिंह की विरासत को संभाल रहीं हैं.
दीपिका पांडेय सिंह का सियासी सफर
दीपिका पांडेय सिंह वर्तमान में महगामा विधानसभा से विधायक हैं. पहली बार उन्होंने 2019 में महगामा विधानसभा से चुनाव लड़ीं और फतह हासिल कीं. उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता और तीन बार के विधायक रह चुके अशोक कुमार भगत को 12,499 मतों से हराया. उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत युवा कांग्रेस से की. झारखंड युवा कांग्रेस में महासचिव से राष्ट्रीय सचिव तक बनीं. 2014 में गोड्ड कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनीं. 2018 में राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव बनीं. झारखंड महिला कांग्रेस की प्रभारी भी रहीं. पिछले चुनाव में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी बनायी गईं.
करोड़पति हैं दीपिका पांडेय सिंह
गोड्डा से लोकसभा प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह करोड़पति हैं. उनकी संपत्ति 4.8 करोड़ रुपए है. वहीं उनकी देनदारी करीब 78.92 लाख रुपए है. क्राइम-ओ मीटर की बात करें तो उनपर दो मामले दर्ज हैं.
गोड्डा का जातीय समीकरण
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें मधुपुर, देवघर, जरमुंडी, पोरैयाहाट, महगामा और गोड्डा विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है. गोड्डा सीट बिहार से सटा हुआ है. इसके एक तरफ भागलपुर है तो दूसरी तरफ बांका. गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में ही देवघर और बाबा धाम मंदिर आता है. ऐसे में यह सीट बेहद खास हो जाता है. 2011 के जनगणना के अनुसार गोड्डा संसदीय क्षेत्र में एससी की आबादी करीब 11.1 प्रतिशत है. एसटी मतदाताओं की संख्या 12.9 प्रतिशत है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की आबादी की बात करें तो इसकी संख्या करीब 21.1 प्रतिशत है. बौद्ध 0.2 प्रतिशत, जैन 0.2 प्रतिशत, सिख 0.2 प्रतिशत, ईसाई 2.67 प्रतिशत की आबादी है. गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या शहरी के मुकाबले सबसे ज्यादा है. ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 86.8 प्रतिशत है जबकि शहरी वोटरों की संख्या 13.2 प्रतिशत है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में करीब 69.3 प्रतिशत वोटरों ने मतदान का प्रयोग किया था, जिसमें ग्रामीणों की भागीदारी सबसे ज्यादा रही.
इस बार मजबूत स्थिति में है इंडिया गठबंधन
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में मधुपुर, देवघर, जरमुंडी, पोरैयाहाट, महगामा और गोड्डा विधानसभा क्षेत्र आता है जिसमें सबसे ज्यादा इंडिया गंठबंधन के प्रत्याशी विधायक हैं. मधुपुर से हफीजुल हसन, जरमुंडी से बादल, पोरैयाहाट से प्रदीप यादव, महगामा से दीपिका पांडे सिंह हैं. वहीं बीजेपी की बात करें तो देवघर से नारायण दास और गोड्डा से अमित मंडल विधायक चूने गए हैं. छह विधानसभा में से तीन कांग्रेस, एक जेएमएम, दो बीजेपी के विधायक हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गंठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा पकड़ कांग्रेस की है, इसलिए इस बार के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार निशिकांत दुबे को इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह से कड़ी टक्कर मिल सकती है.
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