रांची(RANCHI): बालों का झड़ना आज एक आम समस्या बन चुका है. स्त्री और पुरुष दोनों ही इस समस्या से परेशान हैं. बहुत जतन करने के बाद भी यदि कोई उपाय नहीं मिलता तो आसानी से लोग हेयर ट्रांसप्लांट को अपना आखिरी रास्ता मान लेते हैं.
क्या आप भी अपने गिरते बालों से हैं परेशान, और लगातार पतले हो रहे बालों के घनत्व को बढ़ाने के लिए यदि हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सोच रहे तो रुकिए ये आर्टिकल आपके किए ही है. जी हाँ आज हम हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित सभी सूचनाओं को एकत्र करके इस एक आर्टिकल में आपके लिए लाए हैं.
समझिए क्यों झड़ते हैं बाल
तेजी से बाल झड़ना किसी को भी परेशान करने के लिए काफी है. ज्यादातर पुरुषों के बाल महिलाओं की अपेक्षा अधिक झड़ते हैं. जब किसी के बाल झड़ने लगते हैं तो उसे यह डर सताने लगता है कि बाल झड़ने की वजह से वह धीरे-धीरे कहीं गंजे ना हो जाएं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए ज्यादातर लोग महंगे तेल और दवाओं का सहारा तक लेने लगते हैं, ताकि उनकी इस समस्या का समाधान हो जाए. ऐसे में आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर बाल क्यों झड़ते हैं? बाल झड़ने के पीछे प्रदूषण, तनाव या खराब लाइफस्टाइल भी एक वजह हो सकती है. इसके अलावा कोई लंबी बीमारी, शारीरिक व मानसिक तनाव, दवाइयों के साइड इफेक्ट्स या पोषण में किसी चीज की कमी होना भी बाल झड़ने का कारण बन सकता है. वहीं डैंड्रफ की वजह से भी बाल झड़ने लगते हैं. महिलाओं में बर्थ कंट्रोल पिल्स, प्रेग्नेंसी, बच्चे को जन्म, मेनोपॉज की वजह से हार्मोन में आए बदलाव की वजह से भी बाल टूट सकते हैं. थॉयराइट डिसऑर्डर, सिफलिस, आयरन की कमी या इन्फेक्शन की वजह से भी बाल झड़ सकते हैं. कई बार कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट की वजह से भी बाल झड़ना शुरू हो सकता है. विटामिन ए की अधिकता की वजह से भी बाल टूट सकते हैं. ज्यादा डाइटिंग या खाने में पोषक तत्वों की कमी से बाल झड़ सकते हैं. प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की कमी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं उन्हें तरह-तरह की बीमारी अपना शिकार बना सकती है. अधिक तनाव के कारण कई बार बालों के झड़नेपन की भी समस्या हो सकती है. बालों के झड़ने का कारण हार्मोंन्स में हुए बदलाव भी हो सकते है. सामान्यतौर पर टेस्टोस्टेरॉन का ज्यादा या कमी होना बालों के झड़ने का कारण होते हैं. अधिक धूम्रपान या शराब पीना- ऐसा देखा गया है कि जो लोग अधिक धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं उनमें बालों के झड़ने की समस्या काफी नजर आती है. अधिकतर उन लोगों में बालों के झड़ने की समस्या का कारण आनुवंशिक होता है. अगर आपके बाल झड़ते हैं तो हो सकता है कि आपके दादा या पिता के भी बाल झड़ते होंगे और आनुवंशिक के कारण आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गंभीर तौर पर बीमार होने से भी आपके बाल झड़ने लगते हैं. हालांकि, इस तरह से झड़े बालों को फिर से उगाना संभव है. शरीर में अधिक विटामिन A होने पर भी बालों के झड़नेपन की समस्या होने लगती है. ऐसे में आपको विटामिन A युक्त चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए.
जानिए क्या है हेयर ट्रांसप्लांट
आपको समझना होगा कि हेयर ट्रांसप्लांट एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें मूल रूप से एक समय में एक हेयर फॉलिकल को डोनर एरिया से निकाला जाता है और आपके स्कैल्प जैसे रिसीविंग एरिया में ट्रांसप्लांट किया जाता है. हेयर ट्रांसप्लांट का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको फिर से घने बाल मिल जाते हैं, जो लुक को बदलकर रख देते हैं. साथ ही ये गंजेपन की समस्या को भी दूर कर देता है. परंतु सर्जन से इस प्रक्रिया को करने के लिए बहुत सारे कौशल की आवश्यकता होती है. हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी को प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक के आधार पर दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है.
कूपिक इकाई प्रत्यारोपण (एफ़यूटी )
कूपिक इकाई प्रत्यारोपण या एफयूटी पारंपरिक रूप से बाल प्रत्यारोपण का एक कम जटिल रूप है. एफयूटी में डॉक्टर सिर के पीछे या सिर के किनारों के पास डोनर एरिया का चयन करता है. डोनर एरिया या रैखिक पट्टी को पूरे रूप में हटा दिया जाता है और कटाई (हार्वेस्टिंग) के लिए उपयोग किया जाता है. पट्टी को छोटी इकाइयों में विभाजित किया जाता है जिसे ग्राफ्ट्स कहा जाता है. इन ग्राफ्ट्स को सिर पर वहाँ लगाया जाता है जहां बाल नहीं होते हैं.
फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन ( एफ़यूई ):
फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन या एफयूई हेयर ट्रांसप्लांट के लिए अधिक आधुनिक दृष्टिकोण है. एफयूटी के विपरीत, जहां दाता क्षेत्र से एक पूरी पट्टी ली जाती है, एफयूई में व्यक्तिगत बालों के रोम हटाने और उन्हें कटाई करना शामिल है. आमतौर पर एफयूई के लिए निकाले गए बालों को एनेस्थीसिया के तहत सिर के ऊपर से कम मात्रा में लिया जा सकता है.
जानिए कौन है बेहतर एफ़यूटी या एफ़यूई
अगर हम एफयूई और एफयूटी की तुलना कर रहे हैं, तो कुछ अंतर हैं जिनके बारे में आपको जागरूक होना चाहिए. एफयूई लगभग कोई दिखाई देने वाला निशान नहीं दिखाता है. एफयूटी के लिए सर्जरी का समय कम है जबकि एफयूई एक लंबे समय अंतराल या कई भागों में किया जा सकता है. एफयूई अधिक प्राकृतिक दिखने वाले परिणाम देता है. यदि आप एफयूटी का विकल्प चुनते हैं तो आपको यह स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा कि डोनेर एरिया हमेशा गंजा रहेगा.
क्या Hair Transplant की कोई दर्द रहित तकनीक भी है?
जी हां, इस सवाल का जवाब हां है. DHI सबसे आधुनिक तकनीक है. इसमें micro surgical tools का use किया जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस surgery में दर्द नहीं होता. लेकिन draw back यह है कि यह तकनीक महंगी है. इस तकनीक से उपचार कराने की cost करीब दो से तीन लाख रुपये तक आती है. अगर सिर के बड़े हिस्से में transplant की जरूरत होती है तो इसका खर्च और भी ज्यादा आता है.
कितना खर्च होता है
एफयूटी हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च एफयूई हेयर ट्रांसप्लांट की तुलना में कम होता है. सिर में ग्राफ्ट की संख्या जितनी अधिक होगी खर्च भी उतना ही ज्यादा होगा. सिर के कितने हिस्से में ट्रांसप्लांट करना है, पैसा उस हिसाब से भी ज्यादा लगेगा या जैसे सिर के अलावा छाती पर हेयर ट्रांसप्लांट करवाना है तो ज्यादा खर्चा होगा. बालों में आप कितनी सघनता चाहते हैं इससे भी कीमत बढ़ेगी. अगर आप हर session के अनुसार fee दे रहे हैं तो जितने ज्यादा सत्र लेंगे उतनी ही ज्यादा फीस पड़ेगी अगर आपको इलाज में शामिल चीजों के अलावा भी service चाहिए तो उसका ज्यादा खर्च हो सकता है. हालांकि कुछ clinic treatment के बाद भी एक-दो Free session देते हैं. हेयर ट्रांसप्लांट के दो प्रकार हैं. इनमें एक है स्लिट ग्राफ्ट. इसमें प्रति ग्राफ्ट 4 से 10 बाल होते हैं. एक होता है माइक्रो ग्राफ्ट. इसमें हर ग्राफ्ट में मात्र एक या दो बाल ही होते हैं. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ग्राफ्ट क्या है? साथियों, ग्राफ्ट बालों की जड़ के जीवित ऊतक होते हैं. इनका ट्रांसप्लांट किया जाता है ताकि सिर के गंजे हिस्से में भी बाल उग सकें. इनमें से ट्रांसप्लांट का कौन सा तरीका आजमाया जाएगा यह आपके बालों की जरूरत पर निर्भर करेगा. मसलन आपको कितने घने बाल चाहिए.
जानिए कहां करवा सकते हैं
पहले हेयर प्लांट देश में कुछ जगहों पर ही होता था. पहले इन सुविधाओं के लिए दिल्ली मुंबई वेलोर आदि बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था परंतु अब लोगों की बढ़ते मांग को देख लगभर हर राज्य और शहर मे हेयर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है अब आसानी से आप अपने शहर में भी कर सकेंगे हेयर ट्रांसप्लांट. झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो ये सुविधा सरकारी अस्पतालों मे उपलब्ध नहीं है. लेकिन कई ऐसे जाने माने अस्पताल और सेवा संस्थान है जहां आपको ये सुविधा मिलेगी. रांची के अपोलो ईशान सहित कई ऐसे अस्पताल हैं जहां बॉल्डनेस को खत्म किया जाता है. वहीं बात करें धनबाद की तो वहां भी कई सेवा संस्थान है कई हेयर क्लिनिक है जहां गंजेपन से मुक्ति पी जा सकती है.
जानिए हेयर ट्रांसप्लांट में क्या जोखिम शामिल हैं?
हर दूसरे सर्जिकल प्रक्रिया की तरह हेयर ट्रांसप्लांट में भी कुछ जोखिम जुड़े होते हैं.
जानिए कैसे होती है सर्जरी
सर्जरी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले बाल और सिर को धीरे से शैम्पू किया जाता है और साफ किया जाता है. उसके बाद, सर्जन एफयूटी विधि या एफयूई विधि के माध्यम से हेयर ट्रांसप्लांट को अंजाम देगा. कटाई सर्जरी का सबसे मुश्किल हिस्सा है. कूपिक इकाइयों को सही और सटीक रूप से कटाई करने में समय और कौशल का बहुत उच्च स्तर लगता है. यदि कटाई ठीक से की जाती है तो अंतिम परिणाम बेहतर होना तय है.
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए रिकवरी का समय क्या है?
डॉक्टर दर्द को कम करने के लिए सर्जरी के बाद दवाएं लिखेंगे. सूजन को कम रखने और संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए आपको कुछ दवाएं लेने की भी आवश्यकता होगी. हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन अपने मरीजों को सर्जरी के बाद कई हफ्तों तक अपने सिर को ढकने के लिए कहते हैं क्योंकि सिर बहुत नाजुक स्थिति में होती है. यहां तक कि सिर के लिए थोड़ी सी गड़बड़ी ग्राफ्टेड क्षेत्र में बालों के रोम के विकास को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है. आपके सिर पर टांके 10 दिनों के बाद हटा दिए जाएंगे. तब तक, आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए ताकि सिर को परेशान न करें.
क्या चिकित्सा बीमा हेयर ट्रांसप्लांट की लागत को कवर करता है?
हेयर ट्रांसप्लांट कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं के तहत आते हैं और इसलिए चिकित्सा बीमा पॉलिसियों के तहत कवर नहीं किए जाते हैं.
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