धनबाद(DHANBAD): शुक्रवार की सुबह कांग्रेस के लोगों में उत्साह था,दोपहर में किचकिच शुरू हुई और रात होते होते विवाद इस्तीफे तक पहुंच गई. 2019 में कांग्रेस धनबाद लोकसभा सीट लगभग 5 लाख वोटो से हारी थी. इस 5 लाख वोट को कैसे बढ़ाया जाए, इसको लेकर शुक्रवार को धनबाद लोकसभा समन्वय समिति की बैठक थी. इसी बैठक में प्रभारी मंत्री और समन्वय समिति के भी प्रभारी बन्ना गुप्ता की बोलने की जब बारी आई तो उन्होंने कह दिया कि वह प्रभारी मंत्री और समन्वय समिति से इस्तीफा दे रहे हैं. इसके बाद तो समन्वय समिति की बैठक में मौजूद लोगों के चेहरे से हवाइयां उड़ गई.
बैठक से निकलकर मंत्री सर्किट हाउस गए. वहां थोड़ी देर रुकने के बाद निकल गए. हालांकि जिला अध्यक्ष सहित कई कांग्रेस के नेता उन्हें मनाने सर्किट हाउस पहुंचे थे. गाड़ी रोककर अनुनय विनय किया लेकिन मंत्री देर रात को ही धनबाद से निकल गए. इसके पहले उन्होंने कैमरे के सामने कहा कि धनबाद के कार्यकर्ता बहुत अच्छे हैं, मैं उन्हें शुभकामना देता हूं. मतलब यह एक तरह से व्यंग था और यह व्यंग्य कार्यकर्ताओं की बोली से आहत मंत्री की थी. दरअसल, विवाद की शुरुआत गुरुवार की रात से ही हो गई थी.
बैठक में कई तरह की शिकायतें आई सामने
गुरुवार की रात सर्किट हाउस में कांग्रेस से जुड़े अनुसूचित जाति के लोगों ने बैठक की थी. उस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष को भी निशाने पर लिया गया था. कहा गया था कि अनुसूचित जाति के लोगों को तरजीह नहीं दे रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि प्रदेश अध्यक्ष को हटाया जाए. इसके बाद दूसरे गुट की भी बैठक की तैयारी थी लेकिन विवाद ना बढ़े, इसके लिए यह बैठक रोक दी गई और कुछ लोगों को समन्वय समिति की बैठक में मौजूद रहने की अनुमति दी गई. शुक्रवार को मंत्री बना गुप्ता धनबाद पहुंचे. पहले हाउसिंग कॉलोनी में जनसुनवाई का कार्यक्रम हुआ. उसमें कई तरह की शिकायतें आई. बैठने को लेकर भी विवाद हुआ. कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को कुर्सी चाहिए थी. दरी पर बैठना कोई पसंद नहीं कर रहे थे. इसके अलावा प्रवेश के लिए भी विवाद हुआ. लेकिन उस विवाद को सलटा लिया गया.
धनबाद लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हुई पहली बैठक में ही विवाद
फिर समन्वय समिति की बैठक शुरू हुई. बैठक में एक-एक कर 70 से 80 लोगों ने अपनी बातें कही. कुछ बातें संगठन को लेकर थी तो कुछ बातें मंत्री से जुड़ी हुई थी. इन्हीं में से किसी बात को लेकर मंत्री आहत हुए और जब उनकी बोलने की बारी आई तो उन्होंने इस्तीफा देने की बात कर डाली .उसके बाद तो बैठक में मौजूद सभी लोग एक दूसरे के मुंह देखने लगे. इस बैठक में धनबाद जिले से कांग्रेस की एकमात्र विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह शामिल नहीं थी. इसको लेकर भी सवाल खड़े किए गए . धनबाद लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हुई पहली बैठक में ही विवाद खड़ा हो गया और प्रभारी मंत्री को इस्तीफा देने की घोषणा करनी पड़ गई.
आखिर मंत्री ने इस्तीफे की बात क्यों की
सवाल उठता है की क्या धनबाद जिला कांग्रेस में सब कुछ सही नहीं है. क्या कार्यकर्ताओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है. आखिर कौन सी ऐसी बात हो गई, जिस पर मंत्री को इस्तीफा देने की घोषणा करनी पड़ी . सवाल उठता है कि क्या इसी हालत में धनबाद लोकसभा सीट पर चुनाव जीतेगी कांग्रेस. धनबाद के वर्तमान सांसद पीएम सिंह लगातार तीसरी बार सांसद हैं. 2019 में कांग्रेस ने कीर्ति आजाद को धनबाद से उम्मीदवार बनाया था. उन्हें लगभग साढ़े तीन लाख वोट मिले थे. लेकिन उसके बाद कीर्ति आजाद को धनबाद के लोगों ने नहीं देखा. यह अलग बात है कि कृति आजाद फिलहाल तृणमूल कांग्रेस में है.
किस बात से आहत हुए मंत्री बन्ना
धनबाद के कांग्रेसी शुक्रवार की रात से ही इसका आकलन कर रहे हैं कि आखिर कौन सी बात हो गई कि मंत्री आहत हो गए. शुक्रवार की सुबह तो उत्साह से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. दोपहर में विवाद शुरू हुआ और रात तक किच किच इतनी अधिक बढ़ गई कि मंत्री को प्रभारी और लोकसभा समन्वय समिति से इस्तीफा देने की घोषणा करनी पड़ गई. धनबाद लोकसभा समन्वय समिति की शुक्रवार को पहली बैठक हो रही थी. इसी बैठक में विवाद हो गया. अब आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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