टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारतीय क्रिकेट टीम नेम स्पिनर को पहचान दिलाने वाले बिशन सिंह बेदी का सोमवार को निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर दो बजे लोधी श्मशान घाट पर होगा. वे 77 वर्ष के थे. उनका जन्म 1946 में अमृतसर में हुआ था. क्रिकेट जगत में एक लीजेंड की तरह बिशन सिंह बेदी याद किए जाते रहे हैं.
जानिए बिशन सिंह बेदी के करिश्मा के बारे में
घातक स्पिनर के रूप में बिशन सिंह बेदी जाने जाते थे.1966 से लेकर 1979 तक उनका क्रिकेट में योगदान रहा उन्होंने 67 टेस्ट मैच में 266 विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर उनके बारे में रहती थी कि बिशन सिंह बेदी तूफान नहीं बल्कि तंवर की तरह किसी भी टीम की कश्ती को डुबो सकने में माहिर थे. एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट की शुरुआती प्रतियोगिता में उन्होंने हिस्सा लिया था. भारत की ओर से उन्होंने पहले एक दिवसीय वन डे मैच जिताने में बड़ा योगदान दिया.ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 12 ओवर में आठ मेडन किए. इन ओवर में उन्होंने 6 रन देकर 1 विकेट लिए थे.
भारतीय क्रिकेट के उस समय की टीम के बारे में जानिए
बिशन सिंह बेदी को भारत सरकार ने 1970 में पद्मश्री के सम्मान से नवाजा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है.उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के एक सितारे के रूप में वे हमेशा याद किए जाते रहेंगे.झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्ण ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी स्पिनर और भारतीय टीम के कप्तान रहे बिशन सिंह बेदी के निधन पर शोक जताया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है.प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने भी उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया.
अब हम आपको बताते हैं उस समय की क्रिकेट टीम के बारे में. स्पिनरों की बड़ी चलती थी और भारतीय क्रिकेट टीम में उस समय इनका बड़ा बोलबाला था. प्रसन्ना,चंद्रशेखर और वेंकटराघवन के साथ बिशन सिंह बेदी की चौकड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी.इन लोगों की घातक गेंदबाजी विदेशी क्रिकेट खिलाड़ियों को परेशान करती थी.बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी की गेंद से इंग्लैंड,न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज डरे रहते थे.
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