Ranchi- जैसे-जैसे लोकसभा 2024 का महासमर नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की ओर से जीत का अंतिम पाशा फेंकने की तैयारियां भी तेज हो रही है, तुरुप के पतों को खोजा जा रहा है, पाशों को फेंटा जा रहा है, वर्तमान सासंदों की उपलब्धियों और कमियों का आकलन भी किया जा रहा है, कई चेहरों को पीछे कर नये चेहरे पर दांव अजमाने की तैयारियां की जा रही है, जमीनी सर्वे किये जा रहे हैं, लोगों का फीड बैक लिया जा रहा है. दूसरे तमाम राजनीतिक दलों की तहर भाजपा भी झारखंड की एक-एक सीट का आकलन में जुटी हुई है, स्थानीय नेताओं की सरगर्मी बढ़ चुकी है, राष्ट्रीय नेताओं का झारखंड दौरा भी तेज हो चुका है. खुद जीपी नड्डा जमीनी हालात का आकलन करने में जुटे हुए हैं, गिरिडीह का दौरा इसी चुनावी तैयारियों का हिस्सा है. अपने झारखंड दौरे के दौरान उन्होंने झारखंड की सभी 14 सीटों पर विजय पताका फहराने का दावा किया है.
आजसू को झटका, संकट में चन्द्रप्रकाश
इस बीच बड़ी खबर यह है कि भाजपा इस बार गिरिडीह संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारने का मन बना रही है, भाजपा की यह कोशिश गिरिडीह सांसद और आजसू नेता चन्द्रप्रकाश चौधरी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. भाजपा की इस कोशिश को झारखंड में आजसू के रिश्तों को लेकर बड़ा बदलाव माना जा रहा है. हालांकि इस मुद्दे पर अधिकृत तौर पर ना तो भाजपा और ना ही आजसू ने कोई औपचारिक बयान दिया है, लेकिन दोनों ही पार्टियों में अन्दरखाने बहस तेज हो गयी है, दावा किया जा रहा है कि यदि भाजपा इसी स्टैंड पर कायम रही तो आजसू 2024 के चुनाव में अलग राह भी पकड़ सकता है.
अन्नपूर्णा पर भी उठ रहे हैं सवाल
लेकिन भाजपा सिर्फ अपने सहयोगी दल आजसू को ही झटका देने की तैयारी में नहीं है, दावा किया जा रहा है कि 2019 के चुनाव से एन पहले राजद छोड़ कर भाजपा ज्वाइन करने वाली कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को भी बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही है, भाजपा कोडरमा संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल को अपना उम्मीदवार बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. इस खबर को सामने आते ही गिरिडीह सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी और कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
लालू के बेहद खास अन्नपूर्णा ने 2019 में बतौर भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल को दी थी मात
यहां बता दें कि अन्नपूर्णा देवी को कभी राजद सुप्रीमो लालू यादव का बेहद खास माना जाता था. 2019 में राजद छोड़ भाजपा ज्वाइन करने के पहले तक वह झारखंड राजद प्रमुख हुआ करती थी, लेकिन एन चुनाव के पहले अन्नपूर्णा देवी ने पाला बदला और भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहीं, इसके पहले कोडरमा विधान सभा की सीट पर अन्नपूर्णा देवी को भाजपा की नीरा यादव से हार का मुंह देखना पड़ना था.
मजेदार बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस कोडरमा सीट पर अन्नपूर्णा देवी ने तब के महागठबंधन के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को पटकनी दी थी, अब उसी बाबूलाल मरांडी को कोडरमा संसदीय सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारियां की जा रही है.
चार बार कि विधायक हैं अन्नपूर्णा
बता दें कि अन्नपूर्णा देवी बिहार झारखंड से चार बार की विधायक हैं, अपने पति रमेश प्रसाद यादव की मौत के बाद वह पहली बार 1998 में विधायक बनी थी, जिसके बाद 2000, 2005 और 2009 में वह लगातार अपनी जीत का परचम लहराती रहीं. कोडरमा सीट पर उनकी दावेदारी हमेशा से रही है. देखना होगा कि बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में अन्नपूर्णा का नया दांव क्या होता है?
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