धनबाद(DHANBAD):लोकसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं. झारखंड में सूर्य की तपिश के बीच विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. सारे राजनीतिक कदम उसी को ध्यान में रखकर उठाए जा रहे हैं. एक बार फिर गोड्डा से चौथी बार के सांसद बने निशिकांत दुबे झारखंड सरकार पर हमलावर हैं. तो झारखंड मुक्ति मोर्चा हो या कांग्रेस, सभी फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं. इधर, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सोमवार को विधानसभा में पद की शपथ ले सकती हैं. डॉक्टर सरफराज अहमद के इस्तीफा के बाद रिक्त हुई गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कल्पना सोरेन झामुम के टिकट पर चुनाव जीती हैं.अब सवाल यही से उठता है कि क्या कल्पना सोरेन झारखंड सरकार में 12 वे मंत्री के रूप में शपथ लेंगी. झारखंड में यह 12वें मंत्री का पद रघुवर दास के समय से ही रिक्त चला आ रहा है, लेकिन कल्पना सोरेन की जीत के बाद फिर यह मुद्दा फिर चर्च में है.
जानकारी के मुताबिक आलमगीर आलम इस्तीफा दे सकते हैं
गठबंधन सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस दोनों की ओर से 12 वे मंत्री के पद को भरने का दबाव डाला जा रहा है. चर्चा के मुताबिक इस पद पर कल्पना सोरेन सबसे बड़ी दावेदार हैं. हालांकि अभी जेल गए मंत्री आलमगीर आलम ने इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन अब जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक आलमगीर आलम इस्तीफा दे सकते हैं .उसके बाद उनकी जगह कांग्रेस अपने किसी दूसरे विधायक को मंत्री बनाने का सुझाव मुख्यमंत्री को देगी. यह कदम भी काफी सोच समझकर उठाया जाएगा. क्योंकि सामने विधानसभा चुनाव है. राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच सरकार चलाने को लेकर कुछ सहमतियां हैं. उनमें एक है कि झारखंड के चार विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा. आलमगीर आलम जेल जाने के बाद भी अभी इस्तीफा नहीं दिए हैं. उम्मीद की जा रही थी कि सीडब्ल्यूसी की बैठक और लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद उनका इस्तीफा लिया जाएगा.
मंत्री की दौड़ में जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी का नाम आगे चल रहा है
सीडब्ल्यूसी की बैठक भी हो गई है और लोकसभा चुनाव का परिणाम भी आ गया है. आलमगीर आलम के पास के सभी विभागों को हालांकि वापस ले लिया गया है. मुख्यमंत्री ने सारे विभाग अपने आप पास कर लिए हैं. इस कार्रवाई से कांग्रेस थोड़ी नाराज जरूर दिखी लेकिन वह चुप है. अब गेंद फिर कांग्रेस के पाले में है. उसे जल्दी से जल्दी मुख्यमंत्री को नए मंत्री का नाम देना है. अब तक की सूचना के अनुसार नए मंत्री की दौड़ में जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी का नाम आगे आगे चल रहा है .लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद इरफान अंसारी रांची जाकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं. कांग्रेस की भी लाचारी दिख रही है कि वह डॉक्टर इरफान अंसारी के नाम पर मोहर लगाएं. क्योंकि आलमगीर आलम के हटने के बाद झारखंड मंत्रिमंडल में कोई अल्पसंख्यक मंत्री नहीं रह जाएगा. झारखंड में अल्पसंख्यक समुदाय कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक रहा है.
दीपिका पांडे की भी नाम की चर्चा जोरों पर है
वैसे चर्चा दीपिका पांडे सिंह का भी है. यह भी चर्चा है कि आलमगीर आलम को मिले सभी विभाग उनकी जगह पर मंत्री बनने वाले को नहीं दी जा सकती है. इसमें कुछ फेर बदल हो सकता है. जो भी हो लेकिन अगर कल्पना सोरेन के रूप में 12वें मंत्री का पद भर जाता है तो झारखंड में कई सालों के बाद ऐसा होगा. रघुवर दास की सरकार में शुरू से अंत तक इसकी मांग होती रही, लेकिन यह पद खाली रहा. गठबंधन की सरकार में भी इस पद को खाली रखा गया और अब गठबंधन सरकार की भी झारखंड में गिनती के दिन है. क्योंकि इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड में अब आगे आगे होता है क्या.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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