राहें जुदा होते ही बदले बाबूलाल और प्रदीप यादव के बोल, कभी एक दूसरे के सच्चे मित्र हुआ करते थे दोनों

राहें जुदा होते ही बदले बाबूलाल और प्रदीप यादव के बोल, कभी एक दूसरे के सच्चे मित्र हुआ करते थे दोनों