रांची(RANCHI )- झारखंड विधानसभा का चुनाव हर हाल में जितना है.भाजपा का यह संकल्प है. भाजपा यह चाहती है कि किसी भी सूरत में झारखंड की सत्ता उसे प्राप्त करना है. इसलिए हर प्रयोग यहां पर किए जा सकते हैं. इनमें से एक बड़ा प्रयोग यह भी है कि इस प्रदेश में जो भी प्रमुख नेता हैं,उन सभी को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.
कहां से आई यह बात उसे भी जानिए
झारखंड विधानसभा के चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है. शुक्रवार को हरियाणा और जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया.झारखंड का विधानसभा चुनाव छठ के बाद होगा. पहले अलग-अलग प्रयास लगाए जा रहे थे. हां,यह अलग बात है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा लगभग दो दर्जन आरक्षित सीटों पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा तारीखों के ऐलान से पहले कर देगी.पार्टी इसके लिए तैयारी कर रही है.उपयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है इसलिए जल्द ही घोषणा होने की संभावना है.
लोकसभा चुनाव में हारे हुए पार्टी के प्रमुख नेताओं को बनाया जाएगा प्रत्याशी
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड प्रदेश में जिन प्रमुख नेताओं की हार हो गई, उन्हें विधानसभा चुनाव में चांस दिया जाएगा. यह साफ तौर पर बयान आया है असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा का. उन्होंने कहा है कि जो प्रमुख नेता हैं ,उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाना है. अगर उनकी कोई व्यक्तिगत समस्या है तो अलग बात है. लेकिन उन्हें चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी सोच सकती है.यह बयान शुक्रवार को आया है. इससे स्पष्ट है कि विधानसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा, समीर उरांव,सुदर्शन भगत, सीता सोरेन, गीता कोड़ा,सुनील सिंह,सुनील सोरेन जैसे नेताओं को चुनाव लड़ाया जा सकता है.
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