पटना(PATNA)- बिहार में काफी लम्बे अर्से से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती रही है, हर बार नयी नयी तारीखों का आकलन किया जाता है, संभावित मंत्रियों की सूची भी मीडिया में आ जाती है, कांग्रेस से लेकर जदयू-राजद कोटे से बनने वाले मंत्रियों की चर्चा हो जाती है, दावा यह भी किया जाता है कि मंत्रिमंडल से किन-किन चेहरों की छुट्टी होने वाली है, और उसके बदले में किन-किन चेहरों को शामिल करने पर सहमति बनी है, इन चर्चाओं ने तब और भी जोर पकड़ा था, जब सीएम नीतीश खुद लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे थें, तब माना जा रहा था कि 25 या 26 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. दावा यह भी किया गया था कि राजद कोटे से बनाये गये जिन दो मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हुई है, वह एक बार फिर से मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं, सुधाकर सिंह का हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश को लेकर बदला सुर को भी इसका एक आधार बताया गया था, लेकिन ये सारे दावे महज दावे बन कर रह गयें, आज तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ.
आज भी सुधाकर सिंह को लेकर सहज नहीं है नीतीश कुमार
आज जब यही सवाल उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की उपस्थिति में सीएम नीतीश से पूछा गया तो उन्होंने तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, आपको तेजस्वी इसकी जानकारी उपलब्ध करवा देंगे. सीएम नीतीश के इस बयान के बाद अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि मंत्रिमंडल विस्तार का पेंच और कहीं से नहीं राजद की ओर से फंसा है. अब दावा यह किया जा रहा है कि राजद की ओर से पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह और पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह की वापसी का दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन सीएम नीतीश सुधाकर सिंह को लेकर सहज नहीं है, हालांकि कार्तिकेय सिंह को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि जिन आरोपों की वजह से उन्हें कानून मंत्री का पद त्यागना पड़ा था, उससे उन्हें राहत मिल चुकी है. लेकिन सुधाकर सिंह की गुत्थी सुलझ नहीं रही है, शायद यही कारण है कि सीएम नीतीश इसकी जिम्मेवारी तेजस्वी यादव के कंधों पर डाल रहे हैं. जैसे ही तेजस्वी यादव की ओर से अपनी सूची सामने रख दी जाती है, मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जायेगा.
4+