Patna-राजस्व विभाग के 510 कर्मियों के तबादलों को रद्द किये जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चल रहे तमाम कयासों पर सीएम नीतीश कुमार ने विराम लगा दिया है, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की उपस्थिति में सीएम नीतीश ने स्पष्ट किया है कि तबादले में गाइललाइन का अनुपालन नहीं किया गया था. कई तरह की शिकायतें आ रही थी, जिसके कारण इन तबादलों को रद्द करना पड़ा.
तेजस्वी यादव के काफी करीबी माने जाते हैं आलोक मेहता
ध्यान रहे कि राजस्व मंत्री आलोक मेहता उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के काफी करीब माने जाते हैं, इस हालत में जब उनके विभाग की ओर से किये गये तबादलों को सीएम नीतीश के द्वारा रद्द कर दिया गया तो कयासों का दौर शुरु हो गया, इस बात का दावा किया जाने लगा था कि सीएम नीतीश आलोक मेहता की कार्यशैली से खुश नहीं है, लेकिन अब इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीएम नीतीश ने साफ कर दिया है कि इसकी कोई बड़ी वजह नहीं थी, सिर्फ इन तबादलों में निर्धारित गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया था, कई ऐसे अधिकारी जो महज छह माह पहले पदस्थापित हुए थें, उनका भी तबादला कर दिया गया था, जिसकी शिकायत आ रही थी, जिसके कारण पूरे तबादलों को रद्द करना पड़ा अब पूरी गाइडलाइन का पालन करते हुए इसकी सूची फिर से तैयार की जायेगी.
राजद विधायकों ने भी की थी आलोक मेहता की शिकायत
यहां यह भी ध्यान रहे कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की उपस्थिति में राजद की बैठक के दौरान भी कई विधायकों ने आलोक मेहता की शिकायत की थी, जिसके बाद खुद तेजस्वी यादव ने आलोक मेहता के सफाई मांगी थी, उन्होंने कहा था कि विधायकों की शिकायत है कि आप किसी का फोन नहीं उठाते हैं, और यह शिकायत सिर्फ राजद विधायकों की नहीं है, महागठबंधन के कई दूसरे विधायक भी यह शिकायत कर रहे हैं, हालांकि वह मामला सिमट गया, लेकिन उसके बाद अचानक से सीएम नीतीश के द्वारा उनके द्वारा किये गये तमाम तबादलों को रद्द कर दिया गया, जिसके बाद यह सवाल उठने लगा था कि क्या सीएम नीतीश भी आलोक मेहता की कार्यशैली को लेकर नाराज हैं, लेकिन आज सीएम नीतीश ने इसकी सफाई देते हुए स्पष्ट कर दिया कि आलोक मेहता को लेकर उनके मन में कोई नाराजगी नहीं है, यहां मामला सिर्फ निर्धारित गाइडलाइन का पालन किये जाने का है.
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