रांची(RANCHI): राज्य आज अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है. लेकिन स्थापना दिवस के एक दिन पहले यानी 14 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार के कार्यकाल दौरान रहे पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के एसीबी जांच की अनुशंसा कर दी है. इस अनुशंसा के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन-किन मंत्रियों के खिलाफ अनुशंसा के आदेश दिए गए हैं और उन पर कितने का संपत्ति होने का आरोप है.
पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ की गई जांच की अनुशंसा
साल 2014 में झारखंड में एनडीए की सरकार बनी और राज्य को पहला गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास के तौर पर मिला. बता दें कि जिनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए हैं वो सभी रघुवर सरकार के दौरान मंत्री थे.
इन पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश
1. नीलकंठ सिंह मुंडा- ग्रामीण विकास
2. लुईस मरांडी- समाज कल्याण और महिला व बाल विकास
3. नीरा यादव- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग की मंत्री
4. रंधीर कुमार सिंह- कृषि मंत्री
5. अमर कुमार बाउरी- खेल मंत्री
जानिए पांच साल में किस मंत्री की कितनी बढ़ी संपत्ति
1. नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति साल 2014 में 1.46 करोड़ थी, जो साल 2019 यानी मंत्री रहते हुए उनकी संपत्ति 4.35 करोड़ की हो गई. लगभग 2.89 करोड़ का इजाफा हुआ. अगर हम इस इजाफे को प्रतिशत में देखें तो ये 198% के लगभग होता है.
2. लुईस मरांडी की बात करें तो साल 2014 में उनकी संपत्ति कुल 2.25 करोड़ थी. जो पांच साल में यानी मंत्री रहते 2019 में 9.06 करोड़ हो गई. देखा जाए तो पांच साल में उनकी संपत्ति में करीब 6.81 करोड़ का इजाफा हुआ. अगर, इसे प्रतिशत में देखें तो ये लगभग 303% के बराबर का इजाफा है.
3. नीरा यादव की संपत्ति साल 2014 में 80.59 लाख रुपए थी. जो साल 2019 में बढ़कर 3.65 करोड़ रुपए हो गई. यानी पांच साल में 2.85 करोड़ रुपए का इजाफा, प्रतिशत में देखें तो ये करीब 353% का इजाफा होता है.
4. रंधीर कुमार सिंह की संपत्ति साल 2014 में 78.92 लाख था, जो साल 2019 में बढ़कर 5.06 करोड़ हो गया. मतलब पांच साल में कुल इजाफा 4.27 करोड़ का हुआ. अगर इसे प्रतिशत में देखा जाए तो कुल 541% का इजाफा हुआ.
5. वहीं, अमर कुमार बाउरी के संपत्ति की बात करें तो साल 2014 में उनकी संपत्ति 7.33 लाख थी, जो साल 2019 में बढ़कर 41 लाख हो गई. यानी पांच साल में 82.08 लाख रुपए का इजाफा. इसे प्रतिशत में देखा जाए तो 1120% का इजाफा हुआ है. आपको बता दें कि ये आंकड़े कोर्ट में दायर की गई थी.
जांच मामले पर बीजेपी ने दिया बयान
मुख्यमंत्री द्वारा जांच की अनुशंसा करने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहेदव ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ईडी की दबिश के बाद बदले की भावना से प्रेरित हो गए हैं. शाहदेव ने कहा कि बीते तीन साल तक मुख्यमंत्री को कोई सबूत नहीं मिला लेकिन जब मुख्यमंत्री को ईडी ने 17 तारीख को बुलाया तो उन्होंने 72 घंटे पहले पांचों पूर्व मंत्री के खिलाफ एसीबी जांच की अनुशंसा कर दी. हालांकि, प्रतुल शाहदेव ने ये भी कहा कि भाजपा को किसी भी जांच से कोई परहेज नहीं है. लेकिन ये जांच पारदर्शिता के साथ और राजनीति से प्रेरित नहीं होनी चाहिए. भाजपा ने ने कहा कि सीएम ने खुद पर से धयान भटकाने के लिए ये जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जेएमएम और मुख्यमंत्री के इस अनुशंसा के बाद पता चलता है कि पार्टी निराशा और हताशा से गुजर रही है.
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