1932 के खतियान पर एक बार फिर से फ्रंट फूट पर खेल गयी हेमंत सरकार ! 2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा फाइनल

खुद बाबूलाल की पहचान झारखंड की सियासी मैदान में डोमिसाईल मैन की रही है. लेकिन मजबूरी यह है कि बदले हालात में उन्हे पिच बदलना पड़ा है. और टकटकी लगाकर हेमंत की ओर से एक कमजोर बॉल की आशा कर रहे हैं, लेकिन हेमंत हैं कि अपनी पिच से बाहर जाने को तैयार ही नहीं है, और शायद यही भाजपा की दुविधा और उसके लिए 2024 की परेशानी है.

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