सरकार का मामला : अभी तक किसी ने नहीं रखा है आप्त सचिव, जानिए क्यों

रांची (RANCHI) : सामान्य रूप से देखा जाता है कि मुख्यमंत्री हो या फिर मंत्री पदभार ग्रहण करने के बाद आप्त सचिव नियुक्त करते हैं. लेकिन इस नई सरकार में अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इसकी वजह जानने की जरूरत है. इसके पीछे बहुत ही मजबूत कारण बताए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने भी नहीं नियुक्त किया है आप्त सचिव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 नवंबर को नई सरकार की शपथ ले ली. उन्होंने दो-तीन नियुक्तियां कीं. अविनाश कुमार को अपना अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया. बाह्य कोटा से किसी की नियुक्ति नहीं हुई ना तो राजनीतिक सलाहकार कोई बना है और ना ही आप्त सचिव. जबकि कोई भी मुख्यमंत्री अपना आप्त सचिव तुरंत नियुक्त करता है. राजनीतिक सलाहकार भी नियुक्त कर दिए जाते हैं या फिर प्रेस एडवाइजर नियुक्त होते हैं. परंतु इस बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की है. जो कुछ भी हुआ है वह सरकारी नियुक्ति हुई है. पिछले कार्यकाल में अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस एडवाइजर थे, जबकि सुनील कुमार श्रीवास्तव मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव नियुक्त किए गए थे.
मंत्रियों को क्या दिया गया है निर्देश यह भी जानिए
हेमंत मंत्रिमंडल में 11 अन्य सदस्य हैं यानी 11 मंत्री नियुक्त किए गए हैं. सभी लोगों को यह निर्देश दिया गया है कि बाह्य कोटे से या फिर सरकारी कोटे से जिसे आप्त सचिव रखना है या ओएसडी बनाना है वे सोच समझकर नाम की अनुशंसा करेंगे. मंत्री को सरकारी कोटे से गजेटेड अफसर रैंक के अधिकारी को आप्त सचिव रखने का अधिकार है. बाह्य कोटा से भी एक रखा जाता है.
जिस किसी सरकारी अधिकारी को आप्त सचिव बनाया जाना है. मंत्री उनके नाम की अनुशंसा करते हैं तो उस अधिकारी के बारे में पूरी छानबिन होगी तभी उसकी नियुक्ति होगी. कार्मिक विभाग से पड़ताल के बाद ही कैबिनेट नियुक्ति करेगा. इसलिए जो भी मंत्री बने हैं वह अच्छे अधिकारी की तलाश कर रहे हैं, ताकि संजीव लाल जैसा अधिकारी ना मिले. ऐसे अधिकारियों के कारण सरकार बदनाम होती है. इसलिए सारी नियुक्ति अभी फिलहाल रुकी हुई है. जबकि विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है.
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