टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कर्नाटक का नाटक आज संभवत खत्म हो जाए. दो प्रमुख चेहरों के बीच कुर्सी की लड़ाई आज समाप्त हो सकती है. डीके कुमार स्वामी और सिद्धारमैया के बीच कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही थी. कांग्रेस आलाकमान की असमंजस की स्थिति में दिखा. इधर जी परमेश्वर भी अपने को एक दावेदार के रूप में पेश करने का प्रयास कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री की कुर्सी के दो प्रमुख दावेदार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम 13 मई को आ गया. कांग्रेस ने 135 सीट जीतकर स्पष्ट रूप से बहुमत प्राप्त कर लिया पर मुख्यमंत्री के नाम पर सभी एकमत नहीं हो पाई है. रविवार को विधायक दल की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया. आलाकमान द्वारा भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया. बावजूद इसके अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री की कुर्सी के दो प्रमुख दावेदार सिद्धारमैया और डीके कुमार स्वामी दिल्ली में डटे हुए हैं. सूत्रों के अनुसार सिद्धारमैया का पलड़ा भारी है.अधिकांश विधायक उनके साथ है वह पहले भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. डीके कुमार स्वामी भी जोर आजमाइश लगाए हुए हैं. उन्होंने कहा है कि पार्टी को जीत दिलाने में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष जो निर्णय लेंगे वह मान्य होगा
सिद्धारमैया लिंगायत समुदाय में पसंद नहीं किए जाते हैं. डीके कुमार स्वामी का पक्ष कुछ कमजोर पड़ गया है. उनके खिलाफ कुछ भ्रष्टाचार के मामले से वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि डीके कुमार स्वामी को डिप्टी सीएम के पद के अलावा दो प्रमुख विभाग दिए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का भी दायित्व उनके ऊपर होगा. डीके कुमार स्वामी को यह भी कहा गया है कि लोकसभा चुनाव तक वे संयम रखें उसके बाद कुछ बड़ा होगा. एक अन्य नेता जी परमेश्वर ने कहा है कि उनके पास 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है. वे भी एक दावेदार हैं. वैसे उन्होंने कहा कि वे किसी प्रकार की लॉबिंग नहीं कर रहे लेकिन उनकी स्थिति मजबूत है. आलाकमान इस सच्चाई से वाकिफ है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे को अधिकृत किया गया है कि वह जो निर्णय मुख्यमंत्री पद के संबंध में लेंगे, वह मान्य होगा. परंतु अंदर ही अंदर खींचतान की वजह से यह घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है. इधर भाजपा ने कांग्रेस पर अभी तक मुख्यमंत्री तय नहीं कर पाने को लेकर हमला बोला है.
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