टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को डीएमके नेता सेंथिलकुमार एस ने विधानसभा में बीजेपी की जीत पर तंज कसा था. उन्होंने का हिन्दी पट्टी में भाजपा की जीत के बाद इसे गोमूत्र राज्य बोला था. उनका कहना था कि दक्षिण राज्यों में बीजेपी नहीं जीत सकती. उनके इस बयान पर बवंडर औऱ बवाल सदन के अंदर और बाहर होना तय था. हालांकि, इसकी सुलगन को आग लगने से पहले डीएमके सांसद सेंथिलकुमार ने बुझाने के लिए सदन में माफी मांग ली. उन्होंने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई है, तो वे मांफी मागतें है. हालांकि, उनके इस बात के बाद तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी आपत्ति जताई है.
डीएमके नेता ने क्या बोला था
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर कटाक्ष करते हुए डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने मंगलवार को सदन में कहा कि बीजेपी की ताकत केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में चुनाव जीतना है. इन राज्यों को हम आम तौर पर 'गौमूत्र' राज्य कहते हैं. उन्होंने ये बयान तब दिया जाब लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर बहस हो रही थी.
कांग्रेस ने किया किनारा
डीएमके नेता के इस विवादित बयान के बाद इंडिया गधबंधन की प्रमुख दल कांग्रेस ने किनारा कर लिया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि डीएमके सांसद के इस बात से उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. उनका साफ कहना था कि ये उनकी बात है और गौमाता को हम सभी श्रद्धा करते हैं. अगर कोई निजी तौर पर सदन में कोई बात कहता है तो उससे हमलोगों का क्या लेना देना है. जिन्होंने भी ये बाते बोली है, उनसे ही इस पर पूछना चाहिए. आपको बाते दे इससे पहले डीएमके के ही नेता उद्यनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मच्छर, मलेरिया, डेंगू और कोरोना वायरस की थी . वही डीएमके पार्टी के ही वरिष्ठ नेता ए रजा ने एडस और कुष्ठ रोग बताया था. उनकी बातो से भी कांग्रेस ने उनका निजी बयान बोलकर विवाद से हट गये थे.
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