धनबाद(DHANBAD): राहुल गांधी की झारखंड में दूसरे चरण की भारत जोड़ो न्याय यात्रा स्थगित हो गई है. समझा जा रहा है कि किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली चले गए है. इधर,चाहे कोई भी दल हो, कितने भी कद्दावर नेता हो, एक या दो बार से अधिक जीते हो, लेकिन 2024 में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं इसको लेकर सांसे अटकी हुई है. कम से कम झारखंड के 14 लोकसभा सीटों का यही हाल है. उम्मीदवार चाहे बीजेपी से हो कांग्रेस के हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा के हो या फिर राजद के सबके साथ लगभग यही हाल है.
तीन नाम की सूची बनाकर आलाकमान को अधिकृत किया गया
रांची में कांग्रेस के स्क्रीनिंग समिति की बैठक पूरी हो गई है .तीन नाम की सूची बनाकर आलाकमान को अधिकृत कर दिया गया है. नाम का चयन आला कमान ही करेगा. भाजपा की बात अगर छोड़ दी जाए तो झारखंड में गठबंधन ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. ऐसे में अभी गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. अपने-अपने ढंग से दावे किए जा रहे हैं. लेकिन यह दावे उत्साह में अधिक और विश्वास में कम दिख रहे है.आगे और क्या होगा यह समय बताएगा. फिलहाल झारखंड में भाजपा के पास 12 लोकसभा सीट पर विजई उम्मीदवार हैं .एक कांग्रेस के पास है तो एक झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास. लेकिन इस बार परिस्थितियों कुछ अलग दिख रही हैं.पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में है .उनके जेल में रहने का असर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रचार पर जरूर पड़ेगा.
चौथी पारी के लिए सांसद पशुपतिनाथ सिंह भी तैयार
इधर, धनबाद सीट को लेकर कई तरह की बातें कहीं जा रही है. यह सीट हॉट केक बनता जा रहा है. वर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उम्र उनके आड़े आ रही है. 70-75 वर्ष के उम्मीदवारों को भाजपा टिकट नहीं देगी. ऐसी राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा है. वैसे वर्तमान भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह लगातार यह बता रहे हैं कि धनबाद सीट पर जो दावेदारी कर रहे हैं ,उनको उनकी ओर से शुभकामनाएं हैं. साथी सवाल भी दाग रहे हैं कि युवा की परिभाषा क्या होती है. अभी 11 बजे रात तक क्षेत्र में सक्रिय रहता हूं .चुनाव के समय भले ही रात 10 बजे तक सो जाता हूं ,लेकिन अन्य दिनों में रात 11 बजे तक जनता के बीच सक्रिय रहता हूं .कार्यक्रमों में भाग लेता हूं. मतलब सांसद ने संकेत दे दिया है कि बहुत आसानी से वह मैदान छोड़ने वाले नहीं है. उन्होंने धनबाद सीट पर दावा करने वालों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि चौथी पारी के लिए भी वह खुद को तैयार मान रहे हैं .वैसे टिकट का निर्णय तो कोई उम्मीदवार नहीं कर सकता. आलाकमान ही निर्णय करता है लेकिन अपने-अपने ढंग से दावेदारी तो की ही जाती है.
सांसद पशुपतिनाथ सिंह उम्र के जिस पड़ाव पर हैं, वहां टिकट काटने की आशंका जताई जा रही है. वह कहते भी रहे हैं कि वह उम्र के उस चौखट पर खड़े हैं, जहां पार्टी को निर्णय करना है. सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह के वन भोज में सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कई तरह के संकेत दिए. वैसे भाजपा के कई विधायक और कई अन्य नेता धनबाद सीट से उम्मीदवारी को लेकर लार टपक रहे है. नाम की लंबी लिस्ट है . विधायक राज सिंह ,विरांची नारायण ,अपर्णा सेनगुप्ता ,चंद्रशेखर अग्रवाल, रागिनी सिंह ,पूर्व सांसद डॉक्टर रविंद्र राय ,पूर्व सांसद रविंद्र पांडे के अलावे संगठन में सक्रिय कई प्रदेश स्तर के नेता भी उम्मीद लगाए बैठे हैं .कुछ हैवी वेट भी दौड़ धूप कर रहे हैं .कुछ लोगों के नाम के बारे में तो कहा जाता है कि वह कहां रहते हैं ,क्या करते हैं, धनबाद के लोग नहीं जानते. लेकिन उम्मीदवारी की जा रही है.
टिकट किसको मिलेगा और कौन आमने-सामने होगा
धनबाद लोकसभा सीट से सांसद पशुपतिनाथ सिंह तीसरी बार सांसद हैं. वैसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा धनबाद से गुजर चुकी है. यह यात्रा कांग्रेस को कितना रिचार्ज की है अथवा आगे करेगी ,यह कहना मुश्किल है. लेकिन टिकट पाने के दावेदारों ने इस यात्रा में सक्रियता निभाई. धनबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए अशोक कुमार सिंह लगे हुए हैं. न्याय यात्रा में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई. अपनी निजी गाड़ी को प्रचार वाहन बना दिया. उसके अलावे भी एलईडी वाहन प्रदेश कांग्रेस के हवाले किया. जो पूरे झारखंड में घूम रही है.इसके अलावा भी टिकट की चाहत रखने वाले भी लगे है.कांग्रेस में ड्राइंग रूम पॉलिटिक्स भी तो कम नहीं होती.खैर,यह अलग बात है कि टिकट किसको मिलेगा, कौन आमने-सामने होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
धनबाद में सोमवार को 32 सदस्य चुनाव समिति की हुई बैठक
इधर ,सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी. प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश स्तर पर कसरत शुरू हो गई है. सोमवार को 32 सदस्य चुनाव समिति की बैठक हुई. बैठक में प्रभारी गुलाम मोहम्मद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने चुनाव समिति के सदस्यों से एक-एक सीट पर बात की. कहा जा रहा है प्रत्याशियों के चयन के लिए सर्वसम्मति से केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत किया गया है. एक-एक सीट से तीन-तीन संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे गए हैं. सभी सदस्यों को एक फॉर्मेट दिया गया. इनमें से तीन-तीन नाम देने थे. वहीं चुनाव समिति के पास जिला अध्यक्षों की ओर से भी संभावित प्रत्याशी की सूची दी गई है. चुनाव समिति की ओर से तय प्रत्याशियों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी जाएगी.जो भी हो हरेक चौक चौराहों पर फिलहाल चर्चा यही है कि आखिर टिकट किसको मिलता है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
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