नवरात्र विशेष : भगवती का ऐसा रूप शायद ही देखा होगा आपने! बड़ी माता के नाम से मशहूर इनके दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट


मुंगेर(MUNGER): यह जो तस्वीर है यह मुंगेर के शादीपुर स्थित बड़ी दुर्गा मां भगवती की है. यह तस्वीर माता के उस विभिन्न रूप को दिखाती है. माता का यह रूप देश दुनिया में श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही पूजनीय है. इनकी महिमा भी अपरंपार है. शादीपुर में 100 वर्ष से अधिक समय से बड़ी दुर्गा की पूजा होती रही है. कहा जाता है कि मुंगेरवासियों के लिए बड़ी दुर्गा माता का आशीर्वाद सालों भर रहता है. नवरात्र के दौरान इस मंदिर में परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना होती है. यहां बलि प्रदान की भी प्रथा है. पूजा से जुड़े लोगों का कहना है कि मां दुर्गा के इस रूप को मूर्तिकार पूरी तन्मयता और सावधानी से तैयार करते हैं. मूर्ति निर्माण के लिए एक खास मूर्तिकार का परिवार है जो 10 को से इसी तरह की मूर्तियां बनाते आ रहा है.
दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी दुर्गा मां के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. मुंगेर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग उनके दर्शन के लिए आते हैं. यहां पर प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम करने पड़ते हैं. बड़ी दुर्गा माता के अलावे भी शहर में बड़ी संख्या में पूजा पंडाल बनाए जाते हैं और मंदिरों में मूर्तियां स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है. मुंगेर से लेकर जमालपुर शहर तक जगह जगह पर दुर्गा माता के मंदिर हैं. हाल के कुछ दशकों से पूजा पंडाल बनाने की परंपरा शुरू हुई है लेकिन इससे पहले मां दुर्गा की पूजा मूर्ति स्थापित कर मंदिरों में ही हुआ करती थी. अब यह स्थिति है कि पूरे शहर में दुर्गा पूजा के पंडाल भव्य तरीके से लगाए जाते हैं. बात हो रही थी बड़ी दुर्गा माता की. हम बता दें कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से माता से कोई आशीर्वाद मांगता है तो उसकी मुराद जरूर पूरी होती है.
पुष्प वर्षा से उन्हें दी जाती है विदाई
बड़ी दुर्गा माता का विसर्जन के लिए कहार अपने कंधे से उठाकर ले जाते हैं. मुंगेर में दुर्गा पूजा का मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम में मोटे तौर पर 20 से 24 घंटे लग जाता है. जगह जगह पर श्रद्धालु उनकी आरती उतारते हैं. पुष्प वर्षा से उन्हें विदाई दी जाती है. मुंगेर के सोझी गंगा घाट में उनका विसर्जन होता है. इस बार भी मुंगेर में पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ लोक दुर्गा पूजा बना रहे हैं. पूरा शहर भक्तिमय हो गया है. जगह-जगह माता के भक्ति गीत सुनाई दे रहे हैं
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