धनबाद(DHANBAD): झारखंड की राजनीति में अभी पनौती और राहु, केतु शब्द का प्रवेश नहीं हुआ है लेकिन आरोप प्रत्यारोप और तंज़ पहले से अधिक तीखे हो रहे है. शुक्रवार को साहिबगंज के बरहेट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी का नाम लिए बिना तंज कसा कि राज्य में सक्रिय विपक्ष के कई आदिवासी नेता शिबू सोरेन बनने चले थे, लेकिन चक्कर काटते काटते वह शिबू सोरेन नहीं बन सके. अब यह लोग मिलजुल कर शिबू सोरेन के बेटे पर छुपकर हमला कर रहे हैं. ऐसे लोगों में अगर हिम्मत है तो सामने से आकर लड़ाई लड़े. हम सामना को तैयार है.
राजनीतिक लड़ाई हारने के बाद विपक्ष में शामिल लोग भ्रष्टाचार का लगाते हैं आरोप
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजनीतिक लड़ाई हारने के बाद विपक्ष में शामिल लोग भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन जिस सरकार ने भ्रष्टाचार कर पूरे राज्य का बेड़ा गर्ग कर दिया, उसे आज राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा ने सिर्फ हिंदू ,मुस्लिम और जात-पात की राजनीति की. लेकिन हम काम कर रहे हैं. लोगों को रोजगार दे रहे हैं. लोगों की भलाई की सोच रहे हैं. सरकार को जनता के दरवाजे तक पहुंचा रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत पर साधा निशाना
इधर, इसके पलट पाकुड़ में शुक्रवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के लोक लुभावना घोषणाओं पर अब झारखंड की जनता भरोसा नहीं करती. 4 सालों में जनता जान और समझ चुकी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्दी बाजी में घोषणाएं कर रहे हैं .उन्हें पता है कि उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई चल रही है. 5,5 समानी उन्हें मिल चुके हैं और कभी भी होटवार जेल जाने की नौबत आ सकती है. हेमंत सोरेन ने राज्य की बेरोजगार जनता को भ्रमित किया. उन्हें धोखा दिया. उन्होंने बेरोजगारी भत्ता देने की बात की, लेकिन आज तक किसी को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सोरेन जो नौकरी देने की बात कर रहे हैं, वह सब रघुवर सरकार की देन है. वैसे तो झारखंड में पक्ष, विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप पहले से ही चल रहा है. लेकिन ऐसा महसूस हो रहा है कि अब और तीखे हमले राजनीति के क्षेत्र में सुनने और देखने को मिलेंगे.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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