धनबाद मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए ही रहेगा या फिर ओबीसी के लिए होगा,क्यों उठ रहे सवाल -पढ़िए

धनबाद(DHANBAD): धनबाद नगर निगम मेयर पद के लिए 2024 के जनवरी महीने में जारी नोटिफिकेशन को राज्य सरकार बदलेगी या फिर अनुसूचित जाति के लिए ही यह सीट आरक्षित रहेगी? क्या कराए गए सर्वेक्षण के नतीजे के अनुसार धनबाद मेयर का सीट राज्य सरकार ओबीसी के लिए आरक्षित करेगी? या फिर अनुसूचित जाति के लिए रहने देगी. ओबीसी की संख्या जानने के लिए कराए गए सर्वेक्षण रिपोर्ट क्या धनबाद नगर निगम मेयर के आरक्षण रोस्टर को बदल देगा? क्या धनबाद की ओबीसी मतदाता ही तय करेंगे कि कौन होगा धनबाद का मेयर?
अप्रैल या मई में हो सकते है चुनाव
क्या अप्रैल में शहर की सरकार के लिए चुनाव हो जाएगा? क्या 2025 के चुनाव में भी धनबाद मेयर का पद ओबीसी के लिए आरक्षित रहेगा या नहीं ? यह सब कई सवाल हैं, जो निकाय चुनाव लड़ने वालों के बीच चर्चा के केंद्र में है. धनबाद नगर निगम का गठन 2006 में हुआ था. 2010 में पहली बार जब चुनाव हुआ तो मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित था. फिर 2015 में चुनाव हुआ, उस वक्त यह पद ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया.
ओबीसी की संख्या सबसे अधिक बताई गई है
बता दे कि धनबाद नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले वोटरों में ओबीसी की संख्या जानने के लिए कराए गए सर्वेक्षण की संशोधित रिपोर्ट भी जारी कर दी गई है. वोटर लिस्ट में 40 वार्ड में ओबीसी मतदाताओं की संख्या 50 से लेकर 60% तक है. बाकी 40% में सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के वोटर शामिल है. आंकड़ों की अगर बात की जाए तो इतना तो तय है कि ओबीसी के वोटर ही धनबाद के नए मेयर का चयन करेंगे. झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर सक्रिय हो गई है. माना जा रहा है कि मार्च के अंत तक चुनाव के तारीखों की घोषणा हो सकती है.
डोर- टू- डोर सर्वे कराकर आंकड़ा निकाला गया है
धनबाद में वार्डों के पुनर्गठन के लिए डोर- टू- डोर सर्वे कराकर वोटर लिस्ट में सामान्य, ओबीसी और एससी-एसटी की संख्या का आंकड़ा निकाला गया है. आंकड़े के अनुसार 55 वार्ड में से 40 में ओबीसी मतदाता सर्वाधिक है. कुछ में तो इनकी संख्या लगभग 70% है. ऐसे में मेयर बनने के लिए उम्मीदवार को ओबीसी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास करने होंगे. इधर, यह भी चर्चा है कि फिलहाल धनबाद मेयर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई है. हालांकि यह एक साल पहले ही नोटिफिकेशन जारी किया गया था. 2025 में मेयर का सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा. इसका फैसला तो राज्य सरकार को लेना है, लेकिन इतना तो तय है कि अगर अनुसूचित जाति के लिए सीट रिजर्व हुई, तो बहुत सारे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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