टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी है. ईडी को वीरेंद्र राम के पास अकूत संपत्ति होने के सबूत मिले हैं. मगर, इस छापेमारी के बीच मंत्री आलम गीर आलम का नाम भी मामले से जोड़ा जा रहा है. मामले में मंत्री का नाम आने से अब सवाल उठ रहा है कि आखिर भ्रष्टाचारी इंजीनियर पर मंत्री आलमगीर आलम मेहरबान क्यों हैं?
आलम गीर आलम ने मांगी थी वीरेंद्र राम के लिए पुलिस प्रोटेक्शन
दरअसल, एक पत्र सामने आया है, जिसमें आलमगीर आलम ने मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के लिए सुरक्षा की मांग की थी. मंत्री आलम गीर आलम ने यह पत्र तत्कालीन झारखंड पुलिस के डीजीपी को लिखा था. इसी चिट्ठी को लेकर अब मंत्री आलम गीर आलम पर सवाल उठाया जा रहा है. इसके पीछे भी एक कारण है. वह कारण है कि आलमगीर आलम ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हैं. वहीं जिस मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है, वो ग्रामीण विकास विभाग का ही मुख्य अभियंता है. पहले से ही वीरेंद्र राम के राजनीतिक रसूख का जिक्र होता रहा है. कहा जाता है कि सरकार किसी की भी रहे, वीरेंद्र राम सभी के चहेते रहे हैं. इसी कारण से आलम गीर आलम पर सवाल उठाया जा रहा है. सवाल उठ रहा है कि कहीं इंजीनियर के साथ मंत्री की भी मिलीभगत तो नहीं? और अगर ऐसा नहीं है तो फिर मंत्री ने इंजीनियर के लिए सुरक्षा की मांग क्यों की थी? क्या इंजीनियर मंत्री के इतने करीबी हैं कि मंत्री खुद उनके लिए झारखंड के डीजीपी से पुलिस प्रोटेक्शन की मांग कर रहे थे? इन सब सवालों को लेकर मंत्री आलमगीर पर सवाल उठ रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट
बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी आलम गीर आलम को लेकर सवाल खड़े किये हैं.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मंत्री आलमगीर जी, आप तो पहले से पंकज मिश्रा के साथ टॉल टैक्स मामले में फँसे हुए हैं. उपर से ये नई मुसीबत! ग्रह-दशा ठीक नहीं चल रहा आपका. धनवान बनने के लालच में उम्र के इस पड़ाव में जेल जाने के लिये काहे एक के बाद आत्मघाती उठा रहे आप?
बाबूलाल मरांडी ने टोल टैक्स वाले मामले का भी जिक्र किया है, इस मामले में पुलिस ने आलम गीर आलम को क्लीन चीट दी थी. जिसकी ईडी जांच कर रही है. वहीं अब दोबारा वीरेंद्र राम के मामले में नाम आने से आलम गीर आलम के लिए परेशानी जरूर खादी हो सकती है.
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