टीएनपी डेस्क: भारत में बनारस के गंगा घाट से लेकर राजस्थान के सीकर के खाटू श्याम जैसे कई धार्मिक व पवित्र स्थल हैं. जहां बड़े पैमाने पर दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना व भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है राजस्थान का अजमेर शरीफ. अजमेर शरीफ में भी लोग अपनी मनोकामना लेकर दरगाह पर चादर चढ़ाने आते हैं. कई लोगों की आस्था और विश्वास अजमेर शरीफ पर टिकी है. लेकिन अब इस पवित्र स्थान को लेकर हंगामा मचा हुआ है.
दरअसल, राजस्थान के अजमेर शरीफ की दरगाह को लेकर दावा किया जा रहा है कि, यहां दरगाह के नीचे शिव मंदिर है. ऐसे में दरगाह को महादेव मंदिर घोषित करने को लेकर राजस्थान सहित पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ है. वहीं, इस विवाद की शुरुआत हिंदू सेना के एक याचिका से हुई है. हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह को मंदिर घोषित करने को लेकर निचली अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका को स्वीकारते हुए और उसके आधार पर दरगाह के सर्वेक्षण के लिए अदालत ने भी मंजूरी दे दी. साथ ही दोनों पक्षों को नोटिस भी जारी कर दिया गया. इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए निचली अदालत ने 26 दिसंबर की तारीख दी है. जिसके बाद से ही इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है.
बता दें कि, निचली अदालत में विष्णु गुप्ता द्वारा 26 सितंबर को ‘अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव‘ किताब के हवाले से याचिका दायर की गई. किताब का हवाला देकर दायर याचिका में विष्णु गुप्ता ने दरगाह के नीचे मंदिर होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि, इस किताब में कई ऐसे तथ्य है दरगाह के नीचे मंदिर होने की बात को सच साबित करते हैं. जिसके बाद सिविल कोर्ट ने 27 नवंबर को याचिका पर मंजूरी दे दी. साथ ही, सिविल कोर्ट द्वारा अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर दिया गया और 20 दिसंबर तक उनसे जवाब भी मांगा गया है.
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