धनबाद(DHANBAD): टुंडी से झामुमो के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो के पुत्र दिनेश महतो भी ताल ठोंक रहे है. नॉमिनेशन का आंकड़ा तो यही बता रहा है. दिनेश महतो ने अपने पिता के खिलाफ नामांकन क्यों किया, इसको लेकर कई तरह की बातें हवा में तैर रही है. हालांकि सूत्रों का दावा है कि एक सोची - समझी योजना के तहत दिनेश महतो ने नामांकन किया है. सूत्र बताते है कि अगर मथुरा महतो के नामांकन में कोई तकनीकी समस्या आ जाए, तो दिनेश महतो टुंडी से चुनाव लड़ सकते है. लेकिन यह तो नामांकन वापस लेने के पहले का कयास है. अगर दिनेश महतो टुंडी में चुनावी दंगल में बने रहे तो फिर क्या होगा. यह सवाल भी उठने लगे है. यह बात भी सच है कि मथुरा बाबू अपने बेटे दिनेश महतो को राजनीति में एक्टिव करने के लिए कोशिश करते रहे है.
2015 में मेयर का चुनाव भी लड़ चुके है दिनेश महतो
2015 में धनबाद नगर निगम के चुनाव में भी मेयर के पद पर दिनेश महतो चुनाव लड़ चुके है. इस बार टुंडी से निर्दलीय पर्चा भरा है. टुंडी विधानसभा क्षेत्र 2024 के चुनाव में भी "हॉट केक" बना हुआ है. टुंडी में कुर्मी फैक्टर बहुत बड़ा कारक होता है. टुंडी में कई लोग अपनी किस्मत आजमा रहे है. झारखंड मुक्ति मोर्चा से मथुरा प्रसाद महतो हैं, तो भाजपा से विकास कुमार महतो है. जेएलकेएम से मोतीलाल महतो प्रत्याशी है. हलदर महतो की पत्नी वाणी देवी ने भी अंतिम दिन टुंडी से नामांकन किया है. उन्होंने फारवर्ड ब्लाक के टिकट पर अपनी उम्मीदवारी की है. इन कुर्मी उम्मीदवारों में सबसे चौंकाने वाला नाम दिनेश कुमार महतो का ही है. वह झामुमो के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो के पुत्र है.
दिनेश महतो के पर्चा भरने के कारणों का निकाला जा रहा मतलब
उनके टुंडी से ही उम्मीदवारी पर चर्चा शुरू हो गई है. दिनेश महतो के पर्चा भरने का कारण क्या है, इसका टुंडी के चुनावी लड़ाई में उतरे उम्मीदवार अपने-अपने ढंग से मतलब निकाल रहे है. वैसे, दिनेश महतो चुनावी मैदान में बने रहेंगे या अपना नाम वापस लेंगे. यह तो नाम वापसी की तिथि के बाद ही पता चल पाएगा. जाति आंकड़ों के हिसाब से टुंडी विधानसभा क्षेत्र में 40% वोट कुर्मी, आदिवासी और अल्पसंख्यकों का है. जबकि 60 फ़ीसदी में फॉरवर्ड और शेड्यूल कास्ट आते है. साठ फीसदी वोटो के बंटवारों के कारण हमेशा टुंडी में कुर्मी फैक्टर हावी रहता है. 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू में गठबंधन नहीं था. फिर टुंडी में भाजपा -आजसू को हार का सामना करना पड़ा था. 2014 में भाजपा समर्थित आजसू प्रत्याशी राज किशोर महतो ने मथुरा प्रसाद महतो को पराजित किया था, लेकिन 2019 में फिर मथुरा महतो चुनाव जीत गए. अब 2024 की बारी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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