टीएनपी डेस्क: झारखंड में मुख्यमंत्री की कुर्सी "म्यूजिकल चेयर "बनती जा रही है. झारखंड 15 नवंबर 2000 को अलग राज्य बना था.उसके बाद से यह प्रदेश राजनीति के रंग और बदरंग दोनो देखा. अभी तक के इस प्रदेश के इतिहास में 28 दिसंबर 2014 से लेकर 23 दिसंबर 2019 तक का समय इस मायने में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है,क्योंकि रघुवर दास की सरकार ने ही 5 साल तक कार्यकाल पूरा किया. हालाकि इसके पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी में बड़ी तोड़ फोड़ की गई.बारह वे मंत्री के पद को खाली रखा गया.वाबजूद रघुवर दास ही सफल मुख्यमंत्री रहे, जो 5 साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया.
वैसे तो झारखंड गठन के साथ ही बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने. लेकिन 15 नवंबर 2000 से लेकर 18 मार्च 2003 तक वह मुख्यमंत्री रह सके. उसके बाद उनकी कुर्सी बदल गई. अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए. अर्जुन मुंडा के बाद तो इतिहास बन गया. निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए. उनका कार्यकाल 19 सितंबर 2006 से लेकर 27 अगस्त 2008 तक रहा. इस दौरान झारखंड के माथे पर कलंक के कई टिके लगे. मधु कोड़ा भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए. उनकी कुर्सी चली गई. वैसे तो झारखंड के मुख्यमंत्री की सूची में शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन के नाम भी शामिल है. फिलहाल 2019 के चुनाव के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 4 साल से कुछ अधिक दिनों तक रह पाए कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जमीन घोटाले में हिरासत में ले लिया. हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा. फिलहाल अभी चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हैं.
यह बात आज इसलिए महत्वपूर्ण हो गई है कि आज झारखंड में विधायकों की बैठक हो रही है. इस बैठक को लेकर कयासो का बाजार गर्म है. क्या फैसला होगा यह कहना मुश्किल है. लेकिन संकेत कुछ अलग ही बता रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का चंपई सोरेन के घर जाकर मिलना, उनसे बातचीत करना, चंपई सोरेन के सभी सरकारी कार्यक्रम को स्थगित किया जाना, यह सब ऐसे संकेत हैं, जो अनायास नहीं निकलकर आ रहे हैं. वैसे भी हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद झारखंड की राजनीति ने पलटा खाया है .हेमंत सोरेन आक्रामक मूड में है.
2024 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की तैयारियां तेज है. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी ने पार्टी की कमान संभाली और राजनीतिक पटल पर छा गई. इस बीच एक डेवलपमेंट हुआ कि 31 जनवरी 2023 को गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा दे दिया. चर्चा यह उठने लगी थी इस समय कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन इस पर एकमत लोग नहीं हुए. फिर चंपई सोरेन के भाग्य का छींका टूटा और वह मुख्यमंत्री बन गए. लेकिन आज की बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री को बदल दिया जाए. मुख्यमंत्री कौन बनेंगे, हेमंत सोरेन बनेंगे या कल्पना सोरेन बनेगी या फिर चंपई सोरेन ही कंटीन्यू करेंगे, इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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