धनबाद(DHANBAD) : धनबाद में भी बालू "सोना" हो गया है. बालू के धंधे में भी कोयले की तरह अवैध आमदनी की वजह से अवैध धंधा करने में माहिर लोग इसमें लग गए है. बालू के धंधे से इतना अधिक पैसा कमा लिए हैं, कि वह प्रशासन से भी टकराने की ताकत जुटा लिए है. यही वजह रही कि गुरुवार को बालू जब्त करने गए सरकारी अधिकारियों पर सरायढेला थाना क्षेत्र में हमला बोल दिया गया. उनकी पिटाई कर दी गई. इस घटना के बाद जिला खनन टास्क फोर्स ने सरायकेला थाने में कोलाकुसमा निवासी राजेंद्र सिंह, निरसा के रहने वाले असीम मंडल उर्फ चीकू मंडल, राकेश मंडल, प्रकाश मंडल तथा गोविंदपुर के रहने वाले राहुल सिंह एवं अज्ञात के खिलाफ जानलेवा हमला करने का नामजद प्राथमिक दर्ज कराई है.
गुरुवार को सरायढेला में हुआ था हमला
बता दें कि गुरुवार को बालाजी पेट्रोल पंप के पास बलियापुर रोड पर बिना परिवहन चालान के बालू लदे दो ट्रैक्टरों को पकड़ा गया था. जब तक आगे की कार्रवाई की जाती, इससे पहले अचानक 8 से 10 लोग धारदार हथियार, लाठी, डंडा, बेलचा ,पत्थर आदि लेकर खनन टास्क फोर्स पर जानलेवा हमला कर दिया. इसके बाद जबरन बिना परिवहन चालान के बालू लदे दोनों वाहनों को वहां से भगा दिया. धनबाद में खनिज संपदा के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन के खिलाफ कार्रवाई को खान निरीक्षक विजय करमाली, सुमित प्रसाद एवं आवंटित पुलिस बल गए थे. इसी क्रम में गुरुवार की सुबह 8 बजे हटिया मोड़ के पास चार टाटा 407 वाहन बिना परिवहन चालान के बालू ढोते पकड़े गए. इन वाहनों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.
धनबाद में बालू माफिया अपनी समानांतर व्यवस्था चला रहे
यह कहना भी गलत नहीं होगा कि धनबाद में बालू माफिया अपनी समानांतर व्यवस्था चला रहे है. जो भी उसमें खनन डालने की कोशिश करता, उस पर हमला बोल देते है. सिर्फ गुरुवार को ही अधिकारियों पर हमला नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार इसके पहले भी हमले किए गए है. जून 22 में भी हमला हुआ था तो नवंबर 22 में भी. मार्च 23 में भी, 28 नवंबर 2024 को मेमको मोड़ के पास हमला किया गया था. जबकि 19 दिसंबर 24 को खनन विभाग की टीम पर हमला हुआ. धनबाद जिले में केटेगरी-2 के घाटों का टेंडर नहीं होने से बालू उठाव पर रोक है. पर यह रोक सिर्फ कागज पर है. हर दिन नदियों से बालू का बेधड़क खनन किया जा रहा है. सैकड़ों वाहन बालू लेकर शहर पहुंचते है. अवैध बालू का धंधा करने वालों को अवैध कमाई का चस्का ऐसा लगा है कि वह केस, मुकदमा, पुलिस- प्रशासन से भी नहीं डरते.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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