धनबाद(DHANBAD) | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख झारखंड की धरती गुमला से जो कुछ भी कहा, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखा जा रहा है. झारखंड की धरती से ही उन्होंने ऐसी बात क्यों कहीं, इसके भी राजनीतिक माने- मतलब निकाले जा रहे है. मोहन भागवत ने गुमला में कहा है कि इंसान पहले सुपरमैन फिर देवता और उसके बाद भगवान बनना चाहता है. यूं तो यह बात बहुत सामान्य है और हर व्यक्ति के साथ यह लागू होती है, लेकिन समय और परिस्थिति ऐसी बनी है कि लोग इसे प्रधानमंत्री से जोड़कर देख रहे है. इसके पहले भी उन्होंने कहा था कि काम करने वालों को अहंकार नहीं पालना चाहिए, कि मैंने किया है. इस बयान को भी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देख रहे है.
उत्तर प्रदेश फिलहाल चर्चा के केंद्र में है
फिलहाल उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हवा में तैर रही है. झारखंड में भी इसी साल विधानसभा के चुनाव होने है. महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने है. लेकिन संघ प्रमुख ने झारखंड को ही क्यों चुना और क्यों झारखंड की जमीन से उन्होंने ऐसा कहा. इससे लोगों के मन में तरह-तरह की जिज्ञासाएं पैदा होती है. लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह कहना कि अब भाजपा स्वावलंबी हो गई है. उसे राष्ट्रीय स्वयं संघ की कोई जरूरत नहीं है. इसके बाद से ही विवाद शुरू हुआ है. लोकसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय स्वयं संघ बहुत सक्रिय नहीं था. जो भी रिजल्ट आए हैं, वह भाजपा अपने भरोसे लाई है. यह अलग बात है कि भाजपा को अकेले जादुई आंकड़ा नहीं मिल पाया है. एक बात और चर्चे में है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है. राष्ट्रीय स्वयं संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष का विकल्प तलाश रहा है.
लोकसभा चुनाव के दौरान कई मुद्दों पर विवाद दिखा भी है
वैसे झारखंड की बात की जाये तो भाजपा यहाँ दो -तीन दो मुद्दों को गंभीरता से उठा रही है. पहला बांग्लादेशी घुसपैठ और दूसरा लव जिहाद का. आदिवासियों को ईसाई बनाना भी झारखंड का बड़ा मुद्दा रहा है. संघ इसका भी विरोध करता रहा है. समझा जा सकता है कि इन सब कारणों से संघ प्रमुख ने झारखंड में अपने प्रवास के दौरान एक संदेश देने की कोशिश की है. भाजपा और सारकारो को भी आगाह किया है. यह बात तो सत्य है कि भाजपा और संघ के बीच के रिश्ते में खटास आ गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान कई मुद्दों पर यह परिलक्षित भी हुआ है. आईए जानते हैं कि गुमला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने क्या कहा- उन्होंने कहा कि प्रगति और विकास का कोई अंत नहीं है. इंसान पहले "सुपरमैन" फिर देवता और उसके बाद भगवान बनना चाहता है. उन्हें लगातार काम करते रहना चाहिए, क्योंकि विकास का अंत हीन सिलसिला है. इसके ठीक एक महीने पहले लोकसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद 10 जून को संघ प्रमुख ने कहा था- कि काम सब लोग करते हैं, लेकिन काम करते समय मर्यादा का पालन करना चाहिए. मर्यादा का जो पालन करके चलता है, वह कर्म करता है, लेकिन कर्मों में लिप्त नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया है.
संघ प्रमुख ने यह बात जो कही है, वह असामान्य बात नहीं है
यह बात अलग है कि संघ प्रमुख ने यह बात जो कही है, वह असामान्य बात नहीं है. यह तो सामान्य बात है और हर एक व्यक्ति को इसका पालन करना चाहिए. उनके इन्हीं सब बयानों को लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखना शुरू कर दिया है. लोगों को भाजपा और संघ के बीच खटास भी दिखने लगी है. खैर, यह भी बात उतनी ही सच है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को जादुई आंकड़ा नहीं मिलने की वजह से भाजपा निशाने पर रही. भाजपा अभी गठबंधन की सरकार केंद्र में चला रही है. इस गठबंधन की सरकार में नीतीश बाबू और नायडू की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह अलग बात है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष मजबूती के साथ उभरा है. झारखंड की सत्ता फिलहाल भाजपा के हाथ में नहीं है. भाजपा यह जरूर चाहती है कि झारखंड की सत्ता उसके पास आ जाए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज झारखंड में है. रांची में उनका बड़ा कार्यक्रम होगा. लगभग 26000 कार्यकर्ताओं से वह सीधा संवाद करेने. जिले- जिले से भाजपा के कार्यकर्ता रांची पहुंच गए है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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