भाजपा विधायक राज सिन्हा ने क्यों दी मंत्री को खुद जांच करने का न्योता, पढ़िए इस रिपोर्ट में


धनबाद(DHANBAD): धनबाद नगर निगम में गांवो को शामिल किए जाने का मामला एक बार फिर चर्चा में है. बुधवार को झारखंड विधानसभा में भी यह मामला उठा. झरिया विधायक रागिनी सिंह ने 27 गांवो को धनबाद नगर निगम में शामिल कर लिए जाने के बाद भी कोई सुविधा नहीं दिए जाने का आरोप लगाया. वही धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि धनबाद के भी कई गांव है. जहां खेती हो रही है, लेकिन निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है. राज सिन्हा ने कहा कि मंत्री जी इसकी जांच खुद कर सकते है. इन विधायकों की मांग का समर्थन सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी किया. झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो का कहना था कि बिना सर्वे के ही गांव को निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है. हालांकि विधायकों के प्रश्न के बाद मंत्री ने भरोसा दिया कि गांव को बाहर नहीं किया जा सकता है. सरकार इन गांवो में सुविधा पहुंचाएगी,
कई वर्षो से इसका हो रहा विरोध
बता दें कि कई इलाकों को निगम क्षेत्र में शामिल किए जाने का वर्षों से विरोध हो रहा है. झरिया को लेकर यह विरोध अधिक है. वैसे भी झरिया शहर परेशानियां झेल रहा है. प्रदूषण की मार बर्दाश्त कर रहा है. जाम झेल रहा है. कहा तो जाता है कि सरकार का झरिया पर कोई ध्यान नहीं है. जबकि झरिया का कोयला ही देश को रोशन करता है. कोयले से ही कोयलांचल की पहचान है. झरिया में कोकिंग कोल् मिलता है. यह स्टील उद्योग के लिए उपयोगी है. झारखंड की अर्थव्यवस्था झरिया के कोयले के इर्द -गिर्द घूमती है. फिर भी झरिया पर सरकार का ध्यान नहीं है. प्रदूषण की बात तो है ही, ट्रैफिक की समस्या, पानी की समस्या से परेशान है झरिया.
जाम की वजह से एम्बुलेंस में ही हो गई थी मरीज की मौत
पुराना शहर है झरिया, शहर में एक दर्जन से अधिक बैंक, कई धर्मशाला, रेस्टोरेंट, अस्पताल।,लॉज , ऑफिस है. लेकिन दुर्भाग्य है कि किसी के पास पार्किंग स्थल नहीं है. प्रतिदिन सैकड़ो लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वाहन सड़क पर खड़ी कर लोग काम निपटाते है. इस पर ना तो प्रशासन का ध्यान है और ना जनप्रतिनिधियों का. जिसका खामियाजा यह शरीर भुगत रहा है. एक बात और की, जाम से यह शहर कराह रहा है. झरिया बाटा मोड पर 4 जनवरी 2022 को ट्रैफिक जाम से गया प्रसाद चौधरी की पत्नी सावित्री देवी की जान चली गई थी. जाम की वजह से एंबुलेंस में तड़प- तड़प कर उनकी मौत हो गई थी. एंबुलेंस चालक सायरन बजाते रह गया. शिक्षक आवाज देते रह गए कि एंबुलेंस में मरीज है, रास्ता दिया जाए, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. झरिया शहर के लोगों की पीड़ा है कि अतिक्रमण की वजह से सड़क सकरी हो गई है. पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जाता.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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